चूरू : पानी निकासी की समस्या को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन

पानी निकासी की समस्या से आक्रोशित बस्ती के लोगों ने बड़ी संख्या में रविवार को नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

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बस्ती के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है

चूरू: जिले में कई स्थानों पर पानी निकासी की समस्या से आमजन परेशान हैं. जिसको लेकर समय-समय पर लोगों का गुस्सा भी फूटता है. लेकिन चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले नेताओं को यह समस्याएं नजर नहीं आती हैं. जिले के सरदारशहर तहसील के हनुमानगढ़ रोड मेगा हाईवे पर वार्ड 31 में स्थित लुहारा बस्ती में पानी निकासी का स्थाई समाधान नहीं होने के चलते बस्ती के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

इस बस्ती को बसे हुए 11 साल हो गए हैं. लेकिन अब तक यहां पर पानी निकासी कि कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके चलते इस बस्ती में रहने वाले लोग गंदगी में रहने पर मजबूर हैं. बारिश के मौसम में यहां हालात और भी बदतर हो जाते हैं और बस्ती के लोगों का घरों से निकलना भी दुर्भर हो जाता है. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जबकि महिलाओं और पुरुषों को इस गंदे पानी के बीच से गुजरना पड़ता है.

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लोगों को गंदे पानी के बीच से गुजरना पड़ता है

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पानी निकासी की समस्या से आक्रोशित बस्ती के लोगों ने बड़ी संख्या में रविवार को नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. बस्ती के रहने वाले प्रकाश लुहार ने बताया कि इस बस्ती को बसे हुए 11 साल हो चुके हैं, चुनावी समय में नेता जब वोट मांगने के लिए आते हैं तो पानी निकासी और सड़क बनाने जैसे बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन चुनाव पूरे होने के बाद कोई भी नेता यहां पर आकर नहीं देखता, इस बस्ती में अधिकतर गरीब तबके के लोग निवास करते हैं. जिसके चलते कोई भी यहां पर ध्यान नहीं देता. 

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बस्ती के लेखराम लुहार ने बताया कि हम लोग हर दिन पानी निकासी की समस्या से जूझते हैं. गलियों में पानी भरा रहता है और बारिश के दिनों में घरों में भी पानी घुस जाता है और हमारा घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. 

लोग हर दिन पानी निकासी की समस्या से जूझते हैं

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बस्ती के ईश्वर लुहारा ने बताया कि यहां पर एक माताजी का मंदिर भी बना हुआ है. मंदिर में दर्शन करने के लिए दूरदराज से लोग यहां पर आते हैं लेकिन आलम यह है कि दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसी गंदगी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. इस बस्ती की 1 दर्जन से ज्यादा गलियों के यही हालात है. हर दिन मजदूरी करके पेट पालने वाले लोग इस लुहारा बस्ती में रहते हैं. नेताओं को जब वोट की जरूरत होती है तब तो वह यहां पर आते हैं. उसके बाद नेता हमारी बस्ती के लिए किए गए बड़े-बड़े वादों को भूल जाते हैं. 

बस्ती की रहने वाली महिला शांतिदेवी ने बताया कि बस्ती के बुजुर्ग लोग यहां पर गिरकर चोटिल हो जाते हैं. महिलाएं बारिश के समय में घर पर खाना नहीं बना सकती. क्योंकि घरों में भी पानी घुस जाता है. अब तो हालात और भी ज्यादा खराब होते जा रहे हैं. लगातार पानी इकठ्ठा रहने की वजह से मच्छरों का साम्राज्य बना हुआ है, जिसके चलते हमें यहां पर रहने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस्ती के लोगों ने नगरपरिषद के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि अगर जल्द ही हमारी समस्या का स्थाई समाधान नहीं होता है तो हम बस्ती के लोग नगर परिषद के आगे धरना देने पर मजबूर होंगे.
 

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