Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर कुछ महीने पहले एक मामला हुआ था. जिसने पति-पत्नी के रिश्ते को शर्मसार कर दिया. इस मामले में पोक्सो कोर्ट ने अपराधी को अपनी आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा दी है और उसकी पत्नी के खिलाफ वारंट जारी किया है. यह मामला कुछ महीने पहले का है. जिसमें अपराधी दंपति ने एक 10 वर्षीय नाबालिग का उसके घर के पास से किडनैप किया था और फिर उसे गुजरात ले गए.
इस मामले में सबसे घिनौनी हरकत ये थी कि उस बच्ची का अपराधी ने 3 दिन तक अपनी पत्नी के सामने ही रेप किया था और उसकी पत्नी के उसको रोकने के बदले उसका साथ दिया. अब इस मामले में कोर्ट ने अपराधी राजसमंद निवासी भूपेंद्र उर्फ बंटी को आजीवन कारावास और 1 लाख 60 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. पोक्सो कोर्ट संख्या एक अजमेर के विशिष्ट न्यायाधीश राजीव कुमार बिजलानी ने यह अहम फैसला सुनाया है.
जंगल से किया था अपहरण
लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि मसूदा में 3 अक्टूबर 2022 को एक नाबालिग छात्रा के परिजनों ने लिखित शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी दिन में 2:00 बजे पड़ोस में रहने वाले नाहरु भील के घर गई थी. जहां एक लड़का भूपेंद्र और उसकी पत्नी मैना रहती है. जो कि लड़की को अपने साथ कहीं ले गए. इसके बाद मसूदा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और नाबालिक लड़की को 7 अक्टूबर 2022 को ढूंढ लिया. उसी दिन पीड़िता के 161 सीआरपीसी के बयान और मेडिकल भी कराया गया. इसके बाद पीड़िता के बयानों के आधार पर आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ी गई.
पत्नी के सामने 3 दिन तक किया रेप
अभियोजक ने अनुसार, पीड़िता ने अपने 161 और 164 के बयान में बताया कि वह शौच करने के लिए घर के पास जंगल में गई थी. वहां पर भूपेंद्र उर्फ बंटी और उसकी पत्नी मैना मिले. जिन्होंने उसे डराया, धमकाया और अपने साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर जवाजा ले गए. जवाजा में एक दिन रुके इसके बाद जवाजा से भीम ले गए और भीम से बस में बैठकर अहमदाबाद ले गए. इसके बाद अहमदाबाद में किराए के मकान में ले जाकर तीन दिन तक भूपेंद्र उर्फ बंटी ने नाबालिक के दुष्कर्म किया. जिस वक्त पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया उस वक्त भूपेंद्र की पत्नी मैना भी उसके साथ ही थी.
5 धाराओं में दर्ज हुआ मामला
पीड़िता के बयान के बाद आरोपी भूपेंद्र को मसूदा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और तब से आज तक अपराधी हिरासत में है. आरोपी के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से 20 दवा या 25 दस्तावेज न्यायाधीश के समक्ष पेश किए गए. जिस पर न्यायाधीश फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 363 के तहत 7 वर्ष, 366 के तहत 10 वर्ष, 343 के तहत 2 वर्ष, 506 के तहत 2 वर्ष, और 5 (एम )6 पोक्सो एक्ट के तहत जीवन जीने जेल में रहना और 1 लाख 60 हजार रुपए जुर्माना देने से दंडित किया है.
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