फर्जी दस्तावेज से खुलता था बैंक खाता...फिर बेचा जाता था अकाउंट, साइबर ठग गिरोह ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

राजस्थान के अजमेर जिले में पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो साइबर अपराधियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक खाते उपलब्ध कराता था. यह गिरोह अब तक 25 से 30 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दे चुका है.

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पुलिस की गिरफ्त में अपराधी.

Ajmer Cyber ​​Fraud News: राजस्थान में पिछले बहुत समय से आए दिन साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसको रोकने के लिए प्रदेश की सरकार और पुलिस विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए. प्रदेश के अजमेर जिले में पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर साइबर ठगों को खाते उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है.

जिसमें उन्होंने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उनके पास से कई खातों की जानकारी बरामद हुई है. जिसकी अभी जांच की जा रही है. 

जांच में 23 बैंक खातों की मिली जानकारी 

अजमेर एसपी वंदिता राणा ने इस मामले का खुलासा किया और बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है. यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाकर साइबर ठगों को उपलब्ध कराता था. पुलिस जांच में अब तक 23 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए किया जा रहा था. गिरोह ने अब तक 25 से 30 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. 

ठगों को बेचते थे बैंक खाते  

एसपी वंदिता राणा ने आगे बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में अजमेर निवासी गौरी शंकर, पवन सिंह, शानू और पृथ्वी सिंह शामिल हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि ये लोग ठगों को बैंक खाते बेचकर उन्हें धोखाधड़ी में मदद कर रहे थे. इसके आधार पर पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर इन्हें गिरफ्तार किया. 

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पुलिस गिरोह के नेटवर्क की जांच में जुटी

एसपी ने बताया कि साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी. आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने बैंक खातों और व्यक्तिगत दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें. पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है.

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