Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले में फरार आरोपी को पुलिस ने आखिरकार पकड़ लिया. 5 हजार रुपये के इनामी बदमाश शंकर को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने चालाकी भरी योजना बनाई. आरोपी पिछले 11 महीनों से छिपता फिर रहा था लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उसकी एक न चली. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी की देखरेख में दानपुर थाने के अधिकारी लक्ष्मीचंद के नेतृत्व वाली टीम ने की.
घटना की शुरुआत
यह दर्दनाक वाकया 31 जनवरी 2025 को हुआ. दानपुर थाने के कालाखेत गांव में रहने वाले बादरू की 14 साल की बेटी घर पर झाड़ू-पोंछा कर रही थी. तभी उसकी सहेली आई और दोनों बातें करते हुए बाहर चली गईं. रास्ते में आरोपी शंकर पिता मानु मोटरसाइकिल लेकर आ गया.
वह लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. शाम तक जब लड़की घर नहीं लौटी तो परिवार ने आसपास तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला. अगले दिन सहेली ने सारी बात बताई. परिवार आरोपी के घर पहुंचा तो उन्होंने लड़की देने से मना कर दिया. कानूनी कार्रवाई की धमकी पर सौंपने का वादा किया लेकिन धोखा दे दिया.
पुलिस की तलाश और पीड़िता का बचना
7 फरवरी 2025 को बादरू ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी और लड़की की खोज शुरू की लेकिन शंकर लड़की को लेकर फरार हो गया. 8 जुलाई 2025 को पीड़िता किसी तरह आरोपी के कब्जे से भाग निकली.
पुलिस ने उसे बांसवाड़ा से सुरक्षित बरामद किया. आरोपी तब से छिपा हुआ था. उसकी गिरफ्तारी न होने पर 5 हजार का इनाम घोषित किया गया. पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी रही.
ठेकेदार बनकर बिछाया जाल
दानपुर थाने की टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए शानदार रणनीति अपनाई. एएसआई वीरेंद्रराज सिंह और कांस्टेबल हीरालाल ने उदयपुर में मजदूर ठेकेदार का रूप धरा. वे तीन दिनों तक विभिन्न निर्माण स्थलों पर घूमते रहे और जानकारी जुटाते रहे.
एक साइट पर सूचना मिली कि आरोपी के गांव के मजदूर छत भराई का काम कर रहे हैं. पुलिस ने ठेकेदार बनकर 20 मजदूरों की जरूरत बताई और नाम-पते लिए. इसमें शंकर उर्फ मानजी का नाम आया जो भील जाति का निवासी कुंडा है. पुष्टि होते ही पुलिस ने मौके पर उसे दबोच लिया.
यह भी पढ़ें- 4 बच्चों के बाप का युवती से अफेयर, ब्लैकमेल से परेशान होकर लगाई फांसी, सुसाइड का VIDEO भी बनाया