Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिले में पुलिस ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 19 लाख 47 हजार रुपये की ठगी के मामले में एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दिया. इस आरोपी को साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने पंजाब के जालंधर से पकड़ा है.
पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत
दौसा के पुलिस अधीक्षक सागर राणा ने बताया कि प्रेम सिंह गुर्जर (39), निवासी पटेल की ढाणी, ग्राम गोलिया, थाना सिकंदरा, जिला दौसा ने 30 अप्रैल 2024 को साइबर क्राइम थाना, दौसा में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उन्हें टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से शेयर मार्केट में निवेश के लिए लुभावने संदेश मिले.
600% मुनाफे का झांसा
शिकायत के अनुसार, ठगों ने प्रेम सिंह को एक वीआईपी ग्रुप में जोड़ने और शेयर मार्केट का विश्लेषण कर उनके बताए शेयरों में निवेश करने का लालच दिया. दावा किया गया कि निवेश पर 600 प्रतिशत लाभ की गारंटी है. प्रेम सिंह ने विश्वास कर 20 फरवरी 2024 से 9 अप्रैल 2024 तक 36 बार में यूपीआई और अन्य माध्यमों से अलग-अलग बैंक खातों में 19 लाख 47 हजार रुपये जमा किए.
फर्जी ऐप से ठगी का खुलासा
निवेश के बाद कोई रिटर्न न मिलने पर प्रेम सिंह ने जांच की तो पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है. ठगों ने शेयर मार्केट में पैसा निवेश नहीं किया, बल्कि राशि अपने बैंक खातों में जमा कर ली. उन्होंने फर्जी शेयर मार्केट ब्रोकर और सलाहकार बनकर एक नकली ऐप के जरिए दिखावटी (पेपर ट्रेडिंग) कारोबार का झांसा दिया. इस तरह छलपूर्वक 19 लाख 47 हजार रुपये की ठगी की गई.
पुलिस ने शुरू किया अनुसंधान
शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना, दौसा में मुकदमा संख्या 05/2024 दर्ज किया गया. मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत जांच शुरू की गई है. दौसा पुलिस ठगों की तलाश में सक्रिय है.
पुलिस की तेज कार्रवाई
दौसा एसपी सागर राणा के नेतृत्व में साइबर क्राइम डिप्टी एसपी बृजेश कुमार मीना की विशेष टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. ठगी की रकम में से 5 लाख 98 हजार रुपये फ्रीज करवाए गए, जो पीड़ित को वापस किए जा रहे हैं. इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
ठगों का चालाक तरीका
आरोपी विदेशी साइबर ठगों से टेलीग्राम के जरिए जुड़े थे. फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते और सिम कार्ड हासिल कर ठगी की रकम जमा करते थे. पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है.
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