Deedwana Blood Smuggling News: राजस्थान में डीडवाना जिले के मकराना में संचालित मकराना ब्लड सेंटर से ब्लड तस्करी के मामला सामने आने के बाद अब रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जो ब्लड बरामद किया है, वह 25 जनवरी को मकराना में पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया के भाई की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में संग्रहित किया गया था.
इस शिविर में राजस्व राज्य मंत्री और नावां विधायक विजय सिंह चौधरी भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने रक्तदान किया था. मगर खून के सौदागरों ने मंत्री को भी नहीं बख्शा और उनका खून भी चुरा लिया. यही नहीं उन्होंने पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया के परिवार की भावनाओं का भी मखौल उड़ाया और उनके परिवार के सदस्यों का खून भी बेच दिया.
मंत्री के खून की भी कर दी तस्करी
यह जानकारी सामने आने के बाद अब मंत्री विजय सिंह चौधरी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने बताया कि रक्तदान पुण्य का काम होता है, जो इंसानियत के नाते दान किया जाता है. लेकिन खून के सौदागरों ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. वहीं रक्तदाताओं की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ किया है.
जिस रक्तदान शिविर में संग्रहित ब्लड को बेचने के लिए यह लोग ले जा रहे थे, उस शिविर में मैंने भी रक्तदान किया था. अब पता चला है कि इस मामले के आरोपी वह खून भी बचने के लिए जा रहे थे. मैंने मुख्यमंत्री से और पुलिस से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए.
2765 रक्तदाताओं ने किया था रक्तदान
वहीं, मकराना में रक्तदान शिविर का आयोजन करवाने वाले मकराना के पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया ने रक्त का कारोबार करने वालों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "मेरे छोटे भाई स्व. प्रेमप्रकाश मुरावतिया की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था और इस शिविर में 2765 रक्तदाताओं ने रक्तदान कर परोपकार की मिशाल पेश की थी. मकराना का लोकल ब्लड बैंक होने के नाते मकराना ब्लड बैंक भी रक्त संग्रहण हेतु शामिल था.
लेकिन मकराना ब्लड बैंक से अवैध तरीके से रक्त का कारोबार करने की जानकारी सामने आने के बाद से हम सब हैरान हैं. हमें यह नहीं पता था कि वे लोग अपने लालच के लिए खून की तस्करी करते हैं. हम उनके धोखे से हैरान और परेशान है और यह सोचकर परेशान है कि आखिर इन लोगों ने हमसे धोखा क्यों किया.
तस्करी की कमाई में होता था 30 %हिस्सा
पुलिस जांच में सामने आया है कि मकराना ब्लड सेंटर का मुखिया महावीर पारीक के बड़े नेताओं और प्रतिष्ठित लोगों से अच्छे संबंध थे. इसलिए आरोपी इस बात का फायदा उठाता और लोगों को अपने करीबियों की पुण्यतिथि, जयंती या जन्मदिन जैसे अवसर पर उन्हें रक्तदान शिविर लगाने के लिए प्रेरित करता. रक्तदान के महत्व और उपयोगिता के बारे में वह लोगों को बड़ा चढ़ा बातें बताता, जिससे लोग उसके झांसे में आ जाते. लोग बड़े-बड़े रक्तदान शिविर आयोजित करने लगे.
इन शिविरों में संग्रहित रक्त को महावीर पारीक प्रदेश के अन्य जिलों और अन्य राज्यों में बेच देता था. महावीर पारीक ने मकराना में अपनी छवि रक्तवीर के नाम से बना रखी थी. मकराना ब्लड सेंटर के लिए उसने बाकायदा एक ट्रस्ट बना रखा था, जिसमें कई लोगों की हिस्सेदारी थी. ब्लड की तस्करी से होने वाली कमाई में महावीर पारीक का 30% हिस्सा था.