पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत... SHO समेत 5 पुलिसकर्मी निलंबित, परिवार को मिला लाखों का मुआवजा और नौकरी

राजस्थान के डूंगरपुर में पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के बाद बवाल हो गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार को 27.50 लाख मुआवजा और नौकरी दी गई. साथ ही पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए. 

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डूंगरपुर में पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के बाद बवाल हो गया.

Rajasthan News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के बाद चार दिनों तक चला बवाल आखिरकार शांत हो गया. दोवड़ा थाने में चोरी के आरोपी दिलीप अहारी की तबीयत बिगड़ने के बाद हुई मौत ने पूरे इलाके में हंगामा खड़ा कर दिया था.

इसके बाद विभाग ने तुंरत कार्रवाई करते हुए थानाधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. बुधवार देर शाम प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच समझौता हो गया. इस समझौते में 27.50 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक के पिता को नौकरी देने पर सहमति बनी.

चार दिन तक चला हंगामा

जानकारी के अनुसार, 26 सितंबर को दोवड़ा थाना पुलिस ने चोरी के मामले में दिलीप अहारी को हिरासत में लिया था. पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसे पहले डूंगरपुर अस्पताल ले जाया गया, फिर उदयपुर रेफर किया गया. 30 सितंबर को उदयपुर अस्पताल में दिलीप की मौत हो गई. इसके बाद आदिवासी समाज और पीड़ित परिवार ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया. पहले दोवड़ा थाने के सामने, फिर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन हुआ. 

4 दिनों तक लगातार चला विरोध

आदिवासी समाज ने 1 करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी. आसपुर विधायक उमेश मीणा और बीएपी सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में कई दौर की बातचीत हुई. मंगलवार को टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी मनीष कुमार के साथ वार्ता चली, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. बुधवार को फिर से वार्ता शुरू हुई. विधायक उमेश मीणा के नेतृत्व में 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम दिनेशचंद्र धाकड़ और एएसपी अशोक कुमार से मिला. कई घंटों की चर्चा के बाद समझौता हुआ.

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27 लाख का मुआवजा 

समझौते में पीड़ित परिवार को 27.50 लाख रुपये का मुआवजा देने पर सहमति बनी. साथ ही मृतक के पिता जीवराज अहारी को टीएडी हॉस्टल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में संविदा नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा, दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, हेड कांस्टेबल वल्लभराम पाटीदार और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.

अंतिम संस्कार की तैयारी

समझौते के बाद मृतक का शव उदयपुर अस्पताल की मोर्चरी से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. गुरुवार को दिलीप के गांव कलारिया में उसका अंतिम संस्कार होगा. इस समझौते से चार दिन से चला आ रहा तनाव खत्म हुआ और इलाके में शांति बहाल हो रही है.

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