Jhalawar ACB Action: राजस्थान में झालावाड़ जिले की एसीबी की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए असनावर क्षेत्र के डूंगर गांव में तैनात पटवारी और उसके दलाल स्टांप वेंडर को 5000 की रिश्वत लेते रहेंगे हाथों गिरफ्तार किया है. पटवारी ने पीड़ित से यह रिश्वत राशि दान पत्र की रजिस्ट्री करवाने के लिए मांगी थी. कचल रिश्वत राशि ₹20000 मांगी गई थी. जिसमें से पटवारी और उसका दलाल ₹15000 पहले ले चुके थे.
पटवारी ने भेजा ई-मित्र वाले के पास
भ्रष्टाचार निरोचक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ० रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ए.सी.बी. की झालावाड़ चौकी को परिवादी द्वारा गत 22 अप्रैल को जरिये मोबाईल अवगत करवाने के बाद 23 अप्रैल को शिकायत दी गई कि, प्रार्थी की बहन के नाम 18 बिस्वा कृषि भूमि खाड़्यां मील चौराहे के पास मैन रोड़ पर स्थित है.
जिसको वह अपने पुत्र के नाम दान कर रही है. मामले में फरियादी अपनी बहिन को साथ लेकर तहसील असनावर में गया. वहां पर पटवारी बसंत सिंह से मिला और रजिस्ट्री के बारे में बात की तो उसने कहा कि वह तहसीलदार से बात करके बताएगा. बाद में पटवारी ने बताया कि तहसीलदार ने कहा है कि अपना काम करवाने के लिए गोपाल राठौड़ ई-मित्र वालों से मिल लो.
20 हजार रुपये मांगी रिश्वत
इस पर जब फरियादी गोपाल राठौड़ से मिला तो गोपाल राठौड़ ने कहा कि रजिस्ट्री के 40000 रूपये लगेगें, जिसकी रसीद मिलेगी और 20,000 रूपये अलग से लगेगें, फरियादी ने बताया कि उसने 40000 रूपये दिये तो गोपाल राठौड़ ने उनके फोटो वगैरा खींच लिये. उसके बाद गोपाल राठौड़ ने कहा कि तहसीलदार साहब और पटवारी 60000 रूपये बता रहे है, लेकिन उसने तहसीलदार से बात की है तो पटवारी और तहसीलदार दोनों को राजी कर लिया है. ऊपर-ऊपर ही 20000 रूपये देने के लिए कहा है.
ACB की टीम ने पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा
प्रार्थी द्वारा पैसे देने के लिए हामी भर ली गई और उसकी बहन के मोबाइल से गोपाल राठौर के नंबर पर ₹15000 फोन पर के माध्यम से भेज दिए गये और शेष 5000 रुपए 23 अप्रैल को देने के लिए कहा गया 23 अप्रैल को एसीबी की टीम द्वारा रिश्वत मांगने का सत्यापन किया गया और 24 अप्रैल को कार्रवाई करते हुए आरोपी शगोपाल राठौड़, स्टाम्प वेंडर और बसंत सिंह पटवारी को परिवादी से 5000 रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया. पकड़े गए पटवारी और उसके दलाल से एसीबी द्वारा पूछताछ की जा रही है. जिसमें आगे भी खुलासे होने की संभावना है.
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