Rajasthan: अनपढ़ मजदूरों के नाम पर सिम एक्टिवेट करके साइबर ठगों को बेचे, राजस्थान से पकड़ा गया पूरा गैंग

Rajasthan: जोधपुर में राजस्थान पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह अनपढ़ मजदूरों के नाम पर मोबाइल सिम कार्ड खरीदकर साइबर ठगों को देते थे.

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प्रताकात्मक तस्वीर

Cyber Crime News: राजस्थान में बढ़ते साइबर अपराध पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं, लेकिन इन अपराधियों को  राजस्थान पुलिस खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है. इसी सिलसिले में सोमवार को जोधपुर में राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराधियों का साथ देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

मोबाइल की दुकान चलाता था गिरोह का मुखिया

पुलिस ने बताया कि गिरोह का संचालन राहुल कुमार झा (30) नामक व्यक्ति कर रहा था, जिसकी मोबाइल की दुकान है.  इस दुकान के जरिए वह अनपढ़ मजदूरों के नाम पर मोबाइल सिम कार्ड खरीदकर साइबर अपराधियों को सप्लाई करता था. आरोपी राहुल के साथ ही राज्य पुलिस ने मोहम्मद इकबाल (25) को भी गिरफ्तार किया है, जो उसकी हर काम में मदद करता था.

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अब तक करीब 300 सिम बिक चुके हैं

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान आरोपियों के पास से 104 सिम कार्ड, 31 मोबाइल फोन, दो फिंगरप्रिंट स्कैनर, एक चेक बुक, पांच एटीएम कार्ड, नौ खाली चेक, आधार और पैन कार्ड और एक खाता बही बरामद की गई है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि धोखाधड़ी से जारी किए गए करीब 300 सिम कार्ड में से 38 अब तक साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों से जुड़े हैं, जिनकी रकम 50 लाख रुपये से अधिक है, जो करोड़ों में जा सकती है.

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अनपढ़ मजदूरों के नाम  पर लेता था सिम

मामले को लेकर डीसीपी (ईस्ट) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि राजस्थान पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अभियान चला रही है. इसी के तहत उन्हें इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी. जिसमें बताया गया कि राहुल ने अवैध रूप से करीब 40 एयरटेल सिम कार्ड जारी किए हैं. और वह मोबाइल की दुकान चलाता है और सिम रिटेलर का काम करता है. पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह अनपढ़ मजदूरों के नाम से फेक सिम कार्ड लेकर उन्हें एक्टिवेट कर साइबर अपराधियों को सप्लाई करता था.

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 चार से पांच सिम कार्ड के ही व्यक्ति के नाम पर है जारी

जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई. इसके बाद जब फर्जी तरीके से जारी किए गए कुछ मोबाइल सिम नंबरों की जांच की गई तो पता चला कि एक ही व्यक्ति के नाम पर चार से पांच सिम कार्ड जारी किए गए हैं." इसके बाद टीम ने उन लोगों को ट्रैक किया और उनसे पूछताछ की. उन्होंने अपने नाम पर जारी कई सिम कार्डों के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने राहुल से एक सिम कार्ड खरीदा था.

करोड़ों में हो सकती है 300 सिम से ठगी की कुल रकम 

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने मजदूरों के नाम पर 300 से ज्यादा सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए हैं और उन्हें साइबर ठगी करने वाले नेटवर्क को सप्लाई किया है. इनमें से सिर्फ 33 सिम की जांच से देशभर में 50 लाख रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी के 38 मामलों का खुलासा हुआ है.अधिकारियों ने बताया कि पैटर्न को देखते हुए सभी 300 सिम से ठगी की कुल रकम करोड़ों में हो सकती है.

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