Rajasthan: 1.31 करोड़ की बीमा पॉलिसी के लिए  कन्हैयालाल ने अपनी ही मौत की रची थी साजिश, पुलिस से सच कबूला 

Rajasthan: पाली के नाणा गांव में सेंदला नदी किनारे मिले अधजले शव की गुत्थी पुलिस सुलझा ली. जिस अधजले शव को जलाया गया वह शव मदन प्रजापत निकला. उसकी मौत के बाद परिजन ने शव को दफनाया था. 

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बीमा पॉलिसी के लिए कन्हैया लाल ने अपनी मौत की साजिश रची.

Rajasthan: कन्हैयालाल ने 50, 40, 31 और 10 लाख की बीमा पॉलिसी ले रखी थी.  बीमा पॉलिसी में नॉमिनी भाई ताराराम और भाभी विमला को बनाया था. खुद को दोस्तों के साथ मिलकर मरा हुआ बताने की साजिश रची, इसलिए उसने गांव के ही युवक मदन प्रजापत की लाश को जेसीबी से निकलवाया और 21 अक्टूबर को साजिश को अंजाम दे दिया था. पुलिस की मौजूदगी में कन्हैयालाल का नाना चिकित्सालय में मेडिकल करवाया गया.  पुलिस ने कन्हैयालाल को अहमदाबाद से दस्तयाब किया था.  

ये है पूरा मामला 

22 अक्टूबर को नाणा थाना क्षेत्र की सेंदला नदी किनारे संदिग्ध हालत में युवक का अधजला शव मिला था. घटना स्थल से बाइक और जूते मिले थे. बाइक नंबर के आधार पर पुलिस ने परिजन को सूचित किया, जिसके बाद शव की पहचान 32 वर्षीय कन्हैयालाल के रूप में की थी.  लेकिन, अधजला शव होने से पुलिस को मामला संदिग्ध लगा, क्योंकि मौके पर मिले शव की खोपड़ी को छोड़ बाकी पूरा शरीर जला हुआ था.  पुलिस जांच में पता चला कि कन्हैयालाल की 3 साल पहले शादी हुई थी.  साल भर बाद बेटी श्रुति का जन्म हुआ.  लेकिन, 6 महीने की बच्ची को छोड़कर उसकी पत्नी चली गई. ऐसे में कन्हैयालाल अकेले ही बच्ची की परवरिश कर रहा था.  घटना के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की. पता चला कि घटना वाले दिन कन्हैयालाल को रेलवे स्टेशन पर देखा गया था. यही नहीं वह अहमदाबाद जा रहा था, जिसके बाद पुलिस ने टीम का गठन कर अहमदाबाद भेजा. 

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कन्हैयालाल ने अपनी मौत बताने के लिए मदन प्रजापत की लाश जला दी.

गांव मे दो लोगों की हुई थी मौत

जांच में पता चला कि नाणा में सवा महीने पहले 13 सितंबर 2024 को प्रवीण कुमार और मदनलाल प्रजापत नामक दो व्यक्तियों की मौत हुई थी, जिन्हें दफनाया था.  कन्हैयालाल ने JCB से मदन का शव निकलवाया और कुछ दिन छिपाकर रखा. 21 अक्टूबर को खुद की हत्या की साजिश रचने दोस्त महेंद्र उर्फ कालू की मदद से शव का उपयोग जलाने में किया. 

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बीमा क्लेम की राशि के लिए उठाया कदम 

आरोपी कन्हैयालाल कर्ज में डूबा हुआ है.  कन्हैयालाल ने 1.31 करोड़ रुपए की बीमा पॉलिसी करवा रखी थी.  गठित टीम ने छानबीन की. मुखबिर से सहायता की. कन्हैयालाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की. आरोपी ने बताया कि कर्ज हो गया था. लोग पैसे मांग रहे थे. बंधन बैंक सिरोही से लोन ले लिया. इसके बाद SBI से 10 लाख का बीमा करवाया.  इसके अलावा मोबाइल ऑनलाइन से 31 और 40 लाख का लाइफ इंश्योरेंस बीमा करवाया.  पाली बजाज से 50 लाख का इंश्योरेंस करवाया, जिसका नॉमिनी अपने भाई ताराराम भाभी विमला को बनाया. 

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