Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ अपनी मुहिम 'ऑपरेशन एंटीवायरस' के तहत एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है. डीग की कैथवाड़ा पुलिस ने सोशल मीडिया पर लकड़ी का मंदिर बेचने के बहाने देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है.
जंगल बना ठगी का ठिकाना
एसपी ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने आरोपी रविन्द्र और तालीम (दोनों जाटोली, कैथवाड़ा निवासी) को कैथवाड़ा-डीग मार्ग के घने जंगलों से दबोचा. पुलिस ने इनके कब्जे से साइबर ठगी में इस्तेमाल किए जा रहे 4 मोबाइल फोन और 5 फर्जी सिम कार्ड भी बरामद किए हैं. थाना अधिकारी अमरसिंह सिंह ने बताया कि पकड़े गए ठग बेहद शातिर हैं. ये पिछले 4 सालों से लगातार इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे और अब तक 1 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं.
ऐसे चलता था सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा
इन बदमाशों का ठगी करने का तरीका बेहद चतुर था. वे चोरी के मोबाइल और फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करते हुए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लकड़ी के मंदिर बेचने के आकर्षक विज्ञापन डालते थे. जब कोई ग्राहक इन विज्ञापनों के संपर्क में आता, तो ठग उन्हें डिलीवरी का झांसा देते थे. चतुराई से बातचीत करके, वे ग्राहकों को बताते थे कि सामान की डिलीवरी तभी होगी जब वे पहले 'डिलीवरी चार्ज' और कुछ एडवांस राशि उनके खाते में जमा करा दें. मासूम लोग इनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आ जाते थे और पैसे ट्रांसफर कर देते थे. धीरे-धीरे इस तरह इन्होंने कई राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाया.
दोनों ठगों से सख्ती से पूछताछ जारी
पुलिस को चकमा देने के लिए ये अधिकतर समय जंगलों में बैठकर ही अपने ठगी के काम को अंजाम देते थे. पकड़े गए इन दोनों साइबर ठगों से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है, जिससे इस बड़े नेटवर्क के और भी कई राज सामने आने की संभावना है.
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