राजस्थान में गैंगवार पर पुलिस का एक्शन, आनंदपाल गैंग से जुड़े सुभाष बानूड़ा को आर्म्स एक्ट में जेल भेजा

राजस्थान पुलिस ने आनंदपाल गैंग से जुड़े बलबीर बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा को पुराने हथियार मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा है. सुभाष पहले से ही फायरिंग केस में जेल में था. 

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आरोपी सुभाष बानूड़ा.

Rajasthan News: राजस्थान के कुख्यात आनंदपाल गैंग से जुड़े गैंगस्टर बलबीर बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा को सदर थाना पुलिस ने एक पुराने हथियार मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब सुभाष पहले से ही एक अन्य फायरिंग केस में जेल की सलाखों के पीछे था. पुलिस का यह कदम गैंगवार की जड़ों को काटने की दिशा में बड़ा लगता है जो क्षेत्र में लंबे समय से आतंक का पर्याय बनी हुई है.

पुराना हथियार मामला फिर खुला

सदर थाना अधिकारी इंद्राज मरोडिया ने बताया कि सुभाष को 2018 के आर्म्स एक्ट केस में 10 दिसंबर को प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लिया गया. अगले दिन 11 दिसंबर को अदालत में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया.

यह मामला 18 मार्च 2018 की रात का है जब पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान दो बाइक सवारों नरेश कुमार और चंद्रभान को पकड़ा. उनकी जेब से एक-एक पिस्टल मिली जबकि बैग में पांच पिस्टल और मैगजीन बरामद हुईं.

पूछताछ में मनोज कुमार बुरड़क भी गिरफ्तार हुआ. जांच से पता चला कि ये हथियार आनंदपाल गैंग के सुभाष बराल ने सुभाष बानूड़ा को पहुंचाने के लिए भेजे थे. पुलिस ने चंद्रभान नरेश और सुभाष बराल के खिलाफ चालान पेश किया लेकिन सुभाष बानूड़ा फरार हो गया.

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अदालत के फैसले और सुभाष की भूमिका

इस केस में नवंबर 2025 में बड़ा मोड़ आया जब 4 नवंबर को अदालत ने नरेश और मनोज को बरी कर दिया. चंद्रभान की मौत 2023 में हो चुकी थी. पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत सुभाष बानूड़ा को आरोपी माना क्योंकि गिरफ्तार साथियों ने पूछताछ में उसका नाम लिया. यह खुलासा गैंग की गहरी साजिश को उजागर करता है जो हथियारों की तस्करी से जुड़ी थी.

फायरिंग की खौफनाक घटना

हथियार मामले के कुछ महीनों बाद 9 अगस्त 2018 को सुभाष ने अपने साथियों रामनिवास संदीप सैनी नटवरलाल पवन और सीताराम सेवदा के साथ मिलकर राजू ठेहट गैंग के मनोज ओला पर जानलेवा हमला किया. फायरिंग में मनोज को छह गोलियां लगीं लेकिन वह बच गया.

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पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर चालान पेश किया. जमानत मिलने के बाद 20 अगस्त 2025 को सुभाष और 31 अक्टूबर 2025 को सीताराम सेवदा को फरार घोषित किया गया. नवंबर 2025 में 18 से 20 तारीख के बीच सुभाष ने मनोज ओला फायरिंग केस में अदालत में सरेंडर किया जिसके बाद वह जेल में था.

गैंगवार का अंतहीन सिलसिला

आनंदपाल गैंग का सरगना बलबीर बानूड़ा का बेटा सुभाष लंबे समय से पुलिस की रडार पर था. यह गिरफ्तारी राजस्थान में गैंगवार को रोकने की कोशिशों को मजबूती देती है. स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे शातिर अपराधियों पर लगाम लगेगी.

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