Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले में साइबर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. हिरणमगरी थाना पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी अमेरिकी नागरिकों को सस्ते लोन का लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे. पुलिस ने इस कार्रवाई में कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं. यह कार्रवाई साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ा कदम मानी जा रही है.
जानें कैसे काम करता था ठगी का जाल
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह बेहद चालाकी से काम करता था. आरोपी वेयर एप्लीकेशन के जरिए अमेरिकी नागरिकों के फोन नंबर हासिल करते थे. इसके बाद वे उन्हें फोन करके कम ब्याज दरों पर लोन देने का झांसा देते. पीड़ितों को बताया जाता कि कम क्रेडिट स्कोर या बिना पहचान पत्र के भी लोन मिल सकता है. इस बहाने उनसे लाखों रुपये ऐंठ लिए जाते. ठगों का निशाना ज्यादातर अमेरिकी नागरिक थे जो आसानी से इस जाल में फंस जाते.
पुलिस की सटीक कार्रवाई
उदयपुर पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा और डीएसपी छगन पुरोहित के मार्गदर्शन में हिरणमगरी थाना अधिकारी भरत योगी ने अपनी टीम के साथ सेक्टर-3 के कृष्णांगन अपार्टमेंट में छापा मारा. वहां चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस ने मौके से 6 लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 5 हेडफोन और इंटरनेट राउटर जब्त किए.
कौन-कौन आरोपी हैं गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में गुजरात के अहमदाबाद निवासी पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम हैं- कुलदीप पटेल, आनंद डेगामडिया, अर्चित पांडेय, सुरज सिंह तोमर और आसु राजपूत. ये सभी निजी कंपनियों में काम करते हैं लेकिन अतिरिक्त कमाई के लिए साइबर ठगी का रास्ता अपनाया. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की होगी.
आगे की जांच जारी
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस ठगी के जाल में कितने लोग फंसे और कितना पैसा ठगा गया.
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