kota Factory 3: कोटा के मेस खाने में कुछ ऐसा... छात्र बीमार पड़ जाते, 'कोटा फैक्ट्री' सीजन 3 के एक्टर जितेंद्र ने सुनाया किस्सा

Kota Factory 3 के एक्टर जितेंद्र कुमार देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के छात्र रह चुके हैं. वह कोचिंग के पल को याद करते हुए कहा कि  कैसे उनकी मां उनसे मिलने आती थीं

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kota Factory Season 3: ब्लैक एंड व्हाइट सीरीज कोटा फैक्ट्री सीजन 3 (Kota Factory Season 3) नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई. इस सीरीज में जीतू भैया का किरदार लोगों को काफी पसंद आ रहा है. यह सीरीज राजस्थान के कोटा शहर में रहकर आईआईटी (IIT) संस्थानों में एडमिशन के लिए जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों के प्रयास और उनके जीवन पर आधारित है. आईआईटी खड़गपुर के छात्र रहे एक्टर जितेंद्र कुमार ने इस सीरीज में जीतू भैया का किरदार निभाया है. उन्होंने बताया कि कोटा फैक्ट्री में आईआईटी कोचिंग (IIT Coaching in Kota) की यादें ताजा हो गईं. 

IIT खड़गपुर के छात्र रह चुके हैं एक्टर जितेंद्र

एक्टर जितेंद्र कुमार देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के छात्र रह चुके हैं. वह कोचिंग के पल को याद करते हुए कहा कि  कैसे उनकी मां उनसे मिलने आती थीं, जब वह राजस्थान के कोटा में पढ़ाई कर रहे थे और बीमार पड़ जाते थे. अपने पुराने दिनों के बारे में जितेंद्र बताते हैं, "जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो उसमें मुझे एक चीज जो तुरंत पसंद आई, वह थी जब वैभव (मयूर मोरे) बीमार हो जाता है, और उसकी मां उससे मिलने आती है. मां और बच्चे के बीच एक अलग ही बॉन्डिंग होती है. टीचर भी कहते हैं कि अपनी मां से ज्यादा गपशप मत करो. उनके साथ ज्यादा समय मत बिताओ.''

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जितेंद्र ने कहा, "असल में, ये चीजें मेरे साथ हो चुकी हैं, और तब मैं सोचता था कि यह मेरे साथ सिर्फ इसलिए हो रहा है, क्योंकि मैं एक छात्र हूं. लेकिन ऐसा हर छात्र करता है और कोटा के पानी में या मेस के खाने में कुछ ऐसा है कि छात्र किसी न किसी तरह बीमार पड़ जाते हैं. उन्हें केवल एक ही तरीके से बचाया जा सकता है और वह है उनकी मां. फिर हर कोई अपनी मां को बुलाता है और उनके साथ दो महीने बिताता है.''

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हर किसी की जिंदगी में आता यह फेज- एक्टर

एक्टर ने कहा कि यह फेज हर किसी की जिंदगी में आता है, और यह काफी हद तक एक दूसरे से संबंध रखता है. मैं सोचता था कि मैं अकेला ऐसा लड़का था जो इस हालात का सामना कर रहा था, बीमार था और अपनी मां को बुला रहा था और मैं पूरी रात अपनी मां के साथ गपशप कर रहा था. मुझे लगा कि मैंने ही ऐसा किया है, लेकिन जब मैंने राइटर से पूछा तो उन्होंने कहा, 'नहीं, नहीं ऐसा सबके साथ होता है.' तो वह स्क्रिप्ट का सबसे जादुई पल था.''

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हिट प्रोजेक्ट्स के चलते जितेंद्र ओटीटी स्टार बनने के सवाल पर वह कहते हैं कि मुझे अच्छा लग रहा है. मुझे लगता है कि ओटीटी ने कहानीकारों को बहुत कुछ दिया है, एक्सप्लोर और एक्सपेरिमेंट करने के लिए बहुत कुछ दिया है. मैं भी उन्हीं में आता हूं. मैं कहानियों के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहा हूं. मुझे बताया गया है कि स्टोरीज सीमित हैं और अलग-अलग फिल्म निर्माता उन्हें अलग-अलग मॉड्यूल में बना रहे हैं और उन्हें यूनिक तरीके से पेश कर रहे हैं.

'कोटा फैक्ट्री' के तीसरे सीजन (Kota Factory Season 3) का निर्देशन प्रतीश मेहता ने किया है और इसका निर्माण टीवीएफ प्रोडक्शंस ने किया है. यह कोटा में रहकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों के जीवन पर आधारित है. इसमें तिलोत्तमा शोम, मयूर मोरे, रंजन राज, आलम खान, रेवती पिल्लई, अहसास चन्ना और राजेश कुमार जैसे कलाकार हैं. 

नोट- आईएएनएस इनपुट के साथ

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