Dr APJ Kalam की खान-पान की आदतें देंगी सेहत और तेज दिमाग का कॉम्बिनेशन, बुढ़ापे तक शरीर रहेगा मजबूत

Health Tips: डॉ. कलाम 83 की उम्र में भी काफी फिट रहते थे. वे अपनी उम्र के लोगों के लिए एक मिसाल थे. क्योंकि उन्होंने कभी अपनी सेहत के साथ समझौता नहीं किया.

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Dr. kalam Food habits

Dr. kalam Food habits: देश के मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अबुल कलाम (Dr. Abdul kalam) का आज (15 अक्टूबर) जन्मदिन मनाया जाता है. डॉ. कलाम (Dr Abdul Kalam Birth Anniversary) को युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोग बड़ी शिद्दत से याद करते हैं. उनका 83 साल की उम्र में एक कार्यक्रम के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. लेकिन इससे पहले वे काफी फिट थे. वे अपनी उम्र के लोगों के लिए एक मिसाल थे कि इतनी अधिक उम्र में भी वे लगातार पढ़ाई और लेखन का काम बड़ी सहजता से करते थे. क्योंकि उन्होंने कभी अपनी सेहत के साथ समझौता नहीं किया. इसलिए अगर आज की पीढ़ी बुढ़ापे में चुस्त शरीर और तेज दिमाग चाहती है तो वे डॉ. कलाम की इन खान-पान की आदतों ( healthy food habits) से स्वस्थ रहने के उपाय जान सकेंगे. जो इस प्रकार हैं.

साधारण खाना

डॉ. कलाम को बहुत सादा खाना पसंद था. वे ज़्यादातर दाल चावल, सांभर और अचार खाते थे. वे बाहर के खाने की बजाय घर का बना खाना खाते थे. चूंकि वे दक्षिण भारत से थे, इसलिए उन्हें सांभर के साथ नारियल की चटनी खाना बहुत पसंद था. वे अपनी मां के साथ रसोई में खाना खाते थे.

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जमीन पर बैठ कर खाते थे खाना

डॉ. कलाम बचपन से ही अपने खाने की आदतों को लेकर बहुत सजग थे. वे ज़्यादातर समय अपनी मां आशिअम्मा के साथ खाते थे. जब तक वे घर पर रहे, वे रसोई में फर्श पर बैठकर खाना खाते थे. उनकी मां उन्हें केले के पत्ते पर चावल और स्वादिष्ट सांभर परोसती थीं. वे उन्हें घर पर बने मसालेदार अचार के साथ ताज़ा नारियल की चटनी भी परोसती थीं.

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साउथ इंडियन खाने से करते थे प्रेम

डॉ. कलाम को साउथ इंडियन खाना सबसे ज़्यादा पसंद था। वे इसके लिए सब कुछ छोड़ देते थे. उन्हें इडली, सांभर, डोसा और नारियल की चटनी बहुत पसंद थी. वे रोज़ाना अपने खाने की थाली में इन्हें शामिल करते थे. नारियल के तेल में पकाए जाने की वजह से ये जल्दी पच जाते थे.

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बाहर भी हेल्दी खाने पर ही रहता था जोर

डॉ. कलाम अगर बाहर किसी रेस्तरां में भी दोस्तों संग खाना खाते थे तो वह हमेशा वहां भी हेल्दी फूड खाने पर ही अपना फोकस रखते थे. 

शाकाहारी खाना किया शुरू

डॉ. कलाम ने मांसाहारी भोजन छोड़ दिया और शाकाहारी भोजन खाना शुरू कर दिया. उन्होंने मांस और मछली खाना पूरी तरह से छोड़ दिया.1950 के दशक में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लेने के समय तक डॉ. कलाम शाकाहारी बन गए थे.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)