Mumps virus in Rajasthan: गर्मी की शुरुआत के साथ ही राजस्थान में मंप्स वायरस का कहर लोगों का डराने लगा है. प्रदेश के कई जिलों में मंप्स वायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है. इसके मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इससे लोगों में खौफ का माहौल है. मंप्स की खतरनाक स्पीड से स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है. जांच की रफ्तार बढ़ा दी गई है. प्रभावित जिलों में मेडिकल टीम को सतर्क रहने को कहा गया है. उदयपुर, प्रतापगढ़ सहित प्रदेश के कई जिलों से मंप्स मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती नजर आ रही है. बात मंगलवार की करें तो मंगलवार 2 अप्रैल को राजस्थान के उदयपुर जिले से मंप्स के 22 नए मरीज मिले. इसमें 12 बच्चे शामिल है.
उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच बामनिया ने बताया कि उदयपुर जिले में आज अलग-अलग स्थानों की ओपीडी में 22 मंप्स के रोगियों की पहचान की गई. जिले सभी मेडिकल कॉलेज और सभी चिकित्सा संस्थानों को निर्देश जारी किए गया हैं कि चिकित्सा संस्थानों पर आने वाले रोगियों की जांच कर मंप्स के रोगियों की पहचान कर उनकी रिपोर्टिंग समय पर की जाए.
उन्होंने बताया कि आज ओपीडी में 22 मंप्स रोगी की पहचान की गई. इसमें 0 से 9 वर्ष तक के 12 बच्चे, 10 से 19 वर्ष तक का 1 बालक और 20 वर्ष से अधिक के 9 वयस्क मंप्स रोग से पीड़ित पाए गए. डॉ बामनिया ने बताया कि बदलते मौसम और अत्यधिक ठंडी खाने की चीज़ों से बचाव करने से मंप्स रोग से बचा जा सकता है .
डॉ. बामनिया ने बताया कि बच्चों के खांसने छींकने के दौरान इस बीमारी से उनके परिवार के बड़े भी इसका शिकार हो रहे हैं, हालांकि इस बीमारी का खतरा बड़ो को बच्चों की अपेक्षा कम है लेकिन आज 20 साल
से अधिक उम्र के 9 मरीज सामने आए तो चिकित्सको को चौंका दिया.
मंप्स बीमारी के लक्षण:
गले में सूजन और दर्द के साथ शारीरिक कमजोर महसूस हो तो तत्काल डॉक्टर के पास जाकर परामर्श लेकर उपचार शुरू लेना चाहिए.
क्या पहचान है मंप्स:
कान के नीचे और गले के बीच भीतर से फुंसी के समान बढ़ने वाला बड़ा हिस्सा इस बीमारी की पहचान है. गले में दर्द, सूजन व शारीरिक कमजोरी इस बीमारी के लक्षण बताए गए हैं.
मंप्स के मरीजों को दे नरम आहार
मंप्स रोग में रोगी की लार ग्रंथी में एक से तीन दिन तक दर्द रहता है. ऐसे ही सूजन के साथ साथ मांसपेशियों में भी दर्द बढ़ता है। इससे भूख में भी कम लगती है. मंप्स रोग से ग्रसित बच्चों को नरम आहार दें और डॉक्टरों के अनुसार मंप्स रोग का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. बच्चों की बेचैनी को कम करने के लिए बच्चों को नरम आहार देना चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जिन्हें ज्यादा चबाना पड़ता है या जो अम्लीय होते हैं।इसके अलावा ठंडा खान ,पेय पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए.
प्रपागढ़ के छोटी सादड़ी में भी बढ़ रहे मरीज
प्रतापगढ़ के छोटीसादड़ी में मम्पस रोग का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जयचंद मोहिल सामुदायिक चिकित्सालय में इस बीमारी से ग्रसित कई मरीज आने लगे है. इसका असर ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों में दिख रहा है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया है. सीएससी प्रभारी डॉक्टर विजय कुमार गर्ग ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छोटीसादडी की ओपीडी में इन दिनों मम्पस बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या एकाएक बढ़ गई है.
16 से 18 दिन में दिखने लगता है लक्षण
मंप्स एक वायरस जनित संकामक रोग है, जो प्राय: बच्चों एवं वयस्कों में देखने को मिल रहा है. यह संक्रमण होने से रोग के लक्षण दिखने में 16 से 18 दिवस का समय लगता है. जिसके मुख्य लक्षण सुजन, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सरदर्द, भूख नहीं लगना है। इस रोग का फैलाव श्वसन के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसते एवं छिकते समय, लार से या सीधे सम्पर्क से होता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील की गई है कि ऐसे मरीज सीधे अस्पताल में आकर चिकित्सकिय उपचार करवाएं. अनावश्यक मेडिकल स्टोर से दवाइयां नहीं लें.
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