राजस्थान में बढ़ रहा स्क्रब टायफस रोग का खौफ, जाने क्या है लक्षण और कैसे करें अपना बचाव

राजस्थान में स्क्रब टायफस रोग बढ़ता जा रहा है. यह रोग (माइट्स) कीड़े के काटने से फैलता है. जब यह कीड़ा किसी को काटता है तो बैक्टीरिया (ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी) को रक्तप्रवाह में इंजेक्ट करता  है, जो स्क्रब टायफस का कारण बनता है.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Scrub typhus: राजस्थान में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह चुनौती बनता जा रहा है. स्क्रब टायफस कीड़े (माइट्स) के काटने से फैलता है. जब यह कीड़ा किसी को काटता है तो बैक्टीरिया (ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी) को रक्तप्रवाह में इंजेक्ट करता  है, जो स्क्रब टायफस का कारण बनता है. अगर झाड़ियों या जंगल में जाने के बाद बुखार होता है तो डॉक्टर को यह बात जरूर बतानी चाहिए और स्क्रब टायफस का टेस्ट भी कराना चाहिए. ज्यादातर मामले करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर , गंगापुर सिटी , उदयपुर और जयपुर से आ रहे हैं.

सिर्फ 40% लोगों में बनता है काटने का निशान  

स्क्रब टायफस का खतरा बारिश के मौसम में बढ़ता है. झाड़ियों में, चारागाह में, जंगल में ऐसे कीड़े ज्यादा पनपते हैं. वे कई बार लोगों में चिपक जाते हैं. चिपकने के बाद वे खून चूस कर निकल जाते हैं.  इस कीड़े के काटने से सिर्फ 40% लोगों में ही निशान बनता है. जिससे लोगों को पता नहीं चलता कि उन्हें किसी कीड़े ने काटा है. 

Advertisement

स्क्रब टायफस रोग के लक्षण 

स्क्रब टायफस के शुरुआती लक्षण बुखार है. इससे रोगी को अक्सर ठंड लगती है. साथ में मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होता है. रोगी को इससे माइल्ड फीवर होता है, फिर तेज होता है. गले में सूजन होता है. हिमोग्लोबिन और प्लेटलेट लगातार घटता जाता है.  कभी-कभी निमोनिया भी हो जाता है.

Advertisement

इस बीमारी में लगातार सिरदर्द होता है. स्क्रब टायफस श्वसन तंत्र के  कामकाज को बाधित करता है और खांसी और सांस लेने में समस्या पैदा करता है. मरीज को लगातार पेट में दर्द और दस्त का अनुभव होता है. इसलिए जब भी बुखार आए तो हम स्क्रब टायफस का टेस्ट जरूर कराए.   

Advertisement

स्क्रब टायफस रोग से बचने के उपाय 

ऐसे इलाकों में जाने से बचें, जहां घास या हरियाली ज़्यादा हो. घने जंगलों या घास वाले क्षेत्रों से बचें, क्योंकि ये चिगर्स का घर होते हैं. घर से बाहर जाते समय, हाथ-पैरों को ढककर रखें. पूरी आस्तीन के कपड़े और फ़ुल पैन्ट पहनें. अपने कपड़ों, सहायक वस्तुओं, और अन्य पहनने योग्य चीज़ों की नियमित रूप से जांच करें, खासकर बाहर समय बिताने के बाद.

पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) द्वारा पंजीकृत कीट विकर्षकों का इस्तेमाल करें. संक्रमित क्षेत्रों पर कीटनाशकों का छिड़काव करें. कपड़ों, जूतों, और गियर्स पर 0.5% पर्मेथ्रिन लगाने से माइट्स नष्ट हो जाते हैं. घरों के आस-पास साफ -सफाई रखें. क्लीयरिंग ब्रश और जरूरी चीजों का इस्तेमाल करके घुन की आबादी को साफ करें. 

यह भी पढ़ें- विप्रो हाइड्रोलिक प्लांट का उद्घाटन, CM भजनलाल बोले- निवेश के लिए राजस्थान बन रहा कम्पनियों की पहली पसंद

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)