अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड भारत में डायबिटीज को दे रहे हैं बढ़ावा: एक्‍सपर्ट 

भारत में डायबिटीज के बढ़ते मामलों का एक प्रमुख कारण अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन है. विशेषज्ञों का कहना है कि इन खाद्य पदार्थों में एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGE) की मात्रा अधिक होती है, जो सूजन और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाती है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

Ultra-Processed Food: भारत में डायबिटीज एक आम समस्या है. विशेषज्ञों ने बताया है कि भारत के हर घर में ग्रिल्ड अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का इस्‍तेमाल किया जा रहा है, जो देश में डायबिटीज के लगातार बढ़ते मामलों का सीधा कारण हैं. भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या 101 मिलियन है. भारतीयों के लिए हाल ही में जारी ICMR-NIN आहार संबंधी दिशा-निर्देशों से पता चलता है कि 5-19 साल की उम्र के 10 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्री-डायबिटिक हैं.

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ है खतरनाक

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि डीप फ्राई, बेक्ड और ग्रिल किए गए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGE) से भरपूर होते हैं, जो सूजन का कारण बनते हैं और डायबिटीज सहित कई बीमारियों का खतरा पैदा करते है.

ट्रांस फैट वाले फूड स्वास्थ्य के लिए खतरा

चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) के डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. वी. मोहन ने आईएएनएस को बताया कि उनकी टीम ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर AGE पर अध्ययन किया है.

उन्‍होंने कहा, 'जब हम खाद्य पदार्थों को तलते या ग्रिल करते हैं तो इससे ऑक्सीडेटिव पैदा होता है जो सूजन को बढ़ावा देता है. शरीर में पुरानी सूजन मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और यहां तक ​​कि कुछ प्रकार के कैंसर से जुड़ी होती है. अत्यधिक ट्रांस वसा वाले फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं.'

Advertisement
शोध के अनुसार एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) युक्त खाद्य पदार्थों में लाल मांस, तले हुए खाद्य पदार्थ, फ्रेंच फ्राइज़, फ्राइड चिकन, बेकन, बिस्कुट, बेकरी उत्पाद, मक्खन, मार्जरीन और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हैं. दूसरी ओर, फल और सब्जियां, ब्रोकली, फलियां, जई, डेयरी, अंडे, मछली, बादाम, अखरोट, काजू आदि लॉ इज फूड की कैटेगरी में आते हैं.

डॉ. मोहन ने कहा, 'हमारे शोध से पता चला है कि उच्च डाइटरी एजेज वाले खाद्य पदार्थ टाइप 2 मधुमेह और सूजन से जुड़े हैं. कम डाइटरी एजेज वाले खाद्य पदार्थ मधुमेह के खिलाफ सुरक्षात्मक हैं.'

ऐसे बढ़ता है कैंसर का खतरा 

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष और प्रमुख - एंडोक्राइनोलॉजी एवं मधुमेह डॉ. अम्बरीश मित्तल ने आईएएनएस को बताया, 'तला हुआ भोजन का मतलब है कि हमारे शरीर में संतृप्त वसा और कैलोरी की मात्रा अधिक है, इसलिए यह स्वाभाविक रूप से हमारे लिए अच्छा नहीं होगा.'

Advertisement

उन्होंने कहा, 'भारत में बहुत सारा तला हुआ भोजन, खास तौर पर स्ट्रीट फूड, दोबारा गर्म किए गए तेल में बनता है. दोबारा गर्म किए गए तेल में ट्रांस फैट बहुत अधिक होता है, जो हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाला बड़ा कारक है.'

तनाव, नींद की कमी और वायु प्रदूषण भी वजह

डॉ. मित्तल ने कहा कि बेक्ड फूड भी जरूरी नहीं कि सेहतमंद हो, क्योंकि ज्यादातर बेक्ड फूड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है. मोहन ने बताया कि मोटापे की दर को बढ़ावा देने वाले ये खाद्य पदार्थ देश में डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक हैं, साथ ही उन्होंने सरकार से स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा देने का आग्रह किया.

Advertisement

इसके अलावा, एमडीआरएफ अध्ययन से पता चला है कि "सफेद चावल या गेहूं का अत्यधिक सेवन कार्बोहाइड्रेट को बढ़ाता है, जो शुगर का कारण बनता है. इसके अलावा, तनाव, नींद की कमी और वायु प्रदूषण भी इसके पीछे प्रमुख कारण हैं.

ये भी पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव: BJP उम्मीदवारों की जल्द होगी घोषणा, CM भजनलाल की दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Topics mentioned in this article