Delhi CM Atishi Oath Taking Ceremony: आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. शनिवार को राजनिवास में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. आतिशी दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री बनी. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कई कद्दावर नेता मौजूद थे. आतिशी के साथ-साथ AAP के पांच विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
दिल्ली की तीसरी महिला CM बनीं आतिशी, तोड़ा केजरीवाल का रिकॉर्ड
आतिशी से पहले भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली में मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री पद पर थी. सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के एक रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
इन पांच विधायकों ने ली मंत्री की शपथ
आतिशी के साथ आम आदमी पार्टी के पांच विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली. इसमें सौरभ भारद्वाज. गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल हैं. मुकेश अहलावत आप मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र नया चेहरा हैं.
17 सितंबर को आतिशी का नाम हुआ था तय
मालूम हो कि शराब नीति घोटाला में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल ने जेल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की थी. जिसके बाद उन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री के लिए चुना था. AAP विधायकों ने 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी का नाम CM के रूप में फाइनल किया था.
आतिशी का प्रोफाइल, 2020 में पहली बार बनी विधायक
आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी कन्वेनर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पंजाब CM भगवंत मान शामिल रहे. आतिशी ने 2013 में चुनावी डेब्यू किया था. हालांकि 2013 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वो आम आदमी पार्टी का पहला मैनिफेस्टो तैयार करने वाली घोषणापत्र मसौदा समिति की भी सदस्य रहीं. आतिशी पहली बार 2020 में कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं.
2023 में सिसोदिया के जेल जाने पर बनीं थी मंत्री
मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद 2023 में आतिशी को पहली बार केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली. केजरीवाल ने जेल में रहते करीब एक महीने पहले ही स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए भी आतिशी के ही नाम का प्रस्ताव एलजी से किया था. हालांकि एलजी ने कैलाश गहलोत को यह दायित्व सौंपा था.
यह भी पढ़ें - 2020 में पहली बार बनीं विधायक, 4 साल में ही मिल गई दिल्ली CM की कुर्सी, आतिशी के अनसुने किस्से