Delhi Assembly Election Results 2025: दिल्ली में मतगणना के शुरुआती रुझानों में बीजेपी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. इस बीच अब इस सवाल पर चर्चा तेज हो गई है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? दिल्ली में बीजेपी 27 साल का सूखा खत्म होने के बाद किसे राजधानी की कमान सौंपेगी? इस दौड़ में कई दिग्गजों के नाम सामने आ रहे हैं. इनमें चुनाव लड़ने वाले प्रवेश साहिब सिंह वर्मा जैसे नेताओं के नाम तो हैं ही लेकिन मनोज तिवारी जैसे नामों की भी चर्चा हो रही है जो दिल्ली की प्रादेशिक राजनीति में बड़े नाम हैं. हालांकि लंबी फेहरिस्त में आप (AAP) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कई नेताओं के भी नाम सामने आ रहे हैं. चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी (BJP) की इस जीत में महिला मतदाताओं की बड़ी भूमिका है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद महिला नेता के खाते में जा सकता है. पार्टी ने सुषमा स्वराज के रूप में महिला मुख्यमंत्री दिया था. इस बार उनकी बेटी बांसुरी स्वराज का नाम शामिल हो गया है. इस मामले में स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी को भी जोड़कर देखा जा रहा है.
क्यों हो रही है प्रवेश वर्मा और मनोज तिवारी के नाम की चर्चा
बात प्रवेश वर्मा की करें तो सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें बीजेपी ने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा था. पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे दो बार के सांसद और महरौली से विधायक रह चुके हैं. कालकाजी से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को चुनौती देने वाले बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी का नाम भी चर्चा में है.
दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. बीजेपी ने इस बार दिल्ली की सात में छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए थे, लेकिन मनोज तिवारी का टिकट नहीं काटा गया था.
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय भी दिल्ली बीजेपी में एक बड़ा नाम हैं और पार्टी ने उन्हें मालवीय नगर सीट पर आप के बड़े नेता सोमनाथ भारती के विरुद्ध चुनाव में उतारा था.
लिस्ट में आप के बागी भी, जो बीजेपी से लड़े
2013 में कांग्रेस के गढ़ राजौरी गार्डन को ढहाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम भी शामिल है. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए आप के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत और भाजपा के रोहिणी विधायक विजेंद्र गुप्ता को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं.
केंद्रीय नेतृत्व के प्रयोग की भी हो रही चर्चा!
हालांकि इन तमाम नामों के बीच केंद्रीय नेतृत्व पर हर किसी की निगाहें हैं. क्योंकि यूपी, एमपी, राजस्थान हो फिर छत्तीसगढ़, हर जगह बीजेपी ने सीएम पद के फैसले पर चौंकाया है. यूपी में योगी आदित्यनाथ को अचानक सांसद से मुख्यमंत्री बना दिया गया था. वैसे ही मध्यप्रदेश के लोकप्रिय नेता रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर उनकी जगह मोहन यादव को राज्य की कमान सौंप दी गई. जबकि राजस्थान में वसुंधरा राजे जैसे दिग्गज चेहरों की बजाय पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली में बदल रहा रुझान, घटने लगी BJP की सीटें; AAP को धीमी बढ़त