आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई में अड़ंगा लग गया है. ईडी ने निचली अदालत के केजरीवाल को नियमित ज़मानत देने के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके बाद अब माना जा रहा है कि अगले सप्ताह ही ये पता चल सकेगा कि केजरीवाल की रिहाई होती है या नहीं. गुरुवार रात को निचली अदालत ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को नियमित ज़मानत दे दी थी. ईडी ने तब भी ज़मानत का विरोध किया था और अदालत से अपना पक्ष रखने के लिए 40 घंटे का समय मांगा था, मगर निचली अदालत ने उसकी दलील को ठुकरा दिया.
मगर इसके बाद ईडी हाईकोर्ट चली गई जिसने केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगा दी और कहा कि सीएम केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट का आदेश तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक कि वह ईडी की याचिका पर फ़ैसला नहीं हो जाता.
ईडी ने दी थी आदेश को चुनौती
ईडी ने गुरुवार शाम को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने यह कहते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की कि एजेंसी को अपने मामले पर बहस करने का उचित अवसर नहीं दिया गया. ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके तुरंत बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था.
संजय सिंह ने उठाए सवाल
इस पूरी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता संजय सिंह ने एक्स पर लिखा, 'मोदी सरकार की गुंडागर्दी देखिए अभी ट्रायल कोर्ट का आदेश ही नहीं आया. आदेश की कॉपी भी नहीं मिली. तो मोदी की ED हाईकोर्ट में किस आदेश को चुनौती देने पहुंच गई? क्या हो रहा है इस देश में? न्याय व्यवस्था का मजाक क्यों बना रहे हो मोदी जी पूरा देश आपको देख रहा है?'
(इनपुट- ANI)