लोकसभा स्पीकर चुनावः कौन हैं ओम बिरला को चुनौती देने वाले के. सुरेश

18वीं लोकसभा के स्पीकर के चुनाव के लिए सर्वसम्मति नहीं हो सकी है और दशकों बाद फिर चुनाव से फैसला होगा. NDA के ओम बिरला को चुनौती देने के लिए INDIA गठबधंन ने के. सुरेश को उतारा है.

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के सुरेश इंडिया गठबधंन से लोकसभा स्पीकर के लिए नामांकन कर दिया.

लोकसभा स्पीकर पद के लिए विपक्षी INDIA गठबंधन ने NDA के उम्मीदवार ओम बिरला को चुनौती देने के लिए के सुरेश को उतार दिया है. अब बुधवार (26 जून) को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा. आम तौर पर लोकसभा स्पीकर का चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष की सर्वसम्मति से होता है और चुनाव की नौबत नहीं आती. मगर कई दशकों के बाद एक बार फिर से लोकसभा स्पीकर का फैसला चुनाव से होगा. 

ओम बिरला के खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में के. सुरेश ने कहा कि ये मुद्दा जीत या हार का नहीं है, बल्कि ये उस प्रथा के बारे में है कि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी का होगा और डिप्टी स्पीकर विपक्ष का.

के सुरेश ने कहा,"पिछले दो बार से हमें डिप्टी स्पीकर का पद ये कह कर नहीं दिया गया कि हमें सदन में विपक्षी दल की मान्यता नहीं मिली है. इस बार हमें ये मान्यता मिल गई है, तो डिप्टी स्पीकर के पद पर हमारा हक है. मगर वो फिर हमें ये पद नहीं रहे."

वहीं सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि विपक्ष का इस तरह से शर्त रखना गलत है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे कहा था कि डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर उस वक्त चर्चा हो जाएगी जब उसका समय आएगा.

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"पिछले दो बार से हमें डिप्टी स्पीकर का पद ये कह कर नहीं दिया गया कि हमें सदन में विपक्षी दल की मान्यता नहीं मिली है. इस बार हमें ये मान्यता मिल गई है, तो डिप्टी स्पीकर के पद पर हमारा हक है. मगर वो फिर हमें ये पद नहीं रहे" - के सुरेश

के. सुरेश 8 बार के कांग्रेस सांसद, केंद्रीय मंत्री रहे

कोडिकुन्निल सुरेश 8 बार के कांग्रेस सांसद हैं. सुरेश केरल के मावेलिक्कारा से आठवीं बर सांसद बने. 1989 में वो पहली लोकसभा पहुँचे थे. 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकार में वो केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रहे.

सुरेश कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. CWC पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव के रूप में भी काम किया है. 

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के सुरेश ने CPI  के अरुण कुमार को 10 हजार वोटों से हराया था 

के सुरेश ने लोकसभा चुनाव 2024 में CPI के अरुण कुमार को 10 हजार वोटों से हराया था. राज्य में सबसे कम वोटों से जीत का अंतर था. यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) के पास सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों का कब्जा है. 

विवादों से भी रहा नाता

केरल हाईकोर्ट ने उनकी जाति के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. सीपीआई के आरएस अनिल ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट में तर्क दिया था कि सुरेश ओबीसी चेरामाई ईसाई समुदाय से हैं, न कि चेरामार हिंदू समुदाय से, जो अनुसूचित जाति में आते हैं, इसलिए एससी आरक्षित मावेलिककारा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था  

इसके बाद के सुरेश ने सुप्रीम कोर्ट गए. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि के सुरेश मवेलिक्कारा से चुनाव लड़ने के योग्य हैं. 

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