सांसदों के सस्पेंशन पर बोले किरोड़ी लाल मीणा, 'किया जा सकता है निलंबित, इंदिरा गांधी के समय भी हुआ था'

सांसदों के निलंबन पर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आचरण ठीक नहीं तो सांसदों को  निलंबित किया जा सकता है. ये इंदिरा गांधी के समय से ही होता आ रहा है. करोड़ी लाल मीणा ने कहा, देश के उपराष्ट्रपति पद संवैधानिक है और इस पर एक किसान का बेटा बैठा है.

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किरोड़ी लाल मीणा

Kirodi Lal Meena: बीजेपी के दिग्गज नेता और सवाई माधोपुर सीट से विधायक डॉ करोड़ी लाल मीणा गुरुवार को दौसा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए उपराष्ट्रपति की मिमिक्री मामले पर विपक्षी पार्टियों को जमकर कोसा. वहीं, सांसदों के निलंबन पर उन्होंने कहा कि आचरण ठीक नहीं तो सांसदों को  निलंबित किया जा सकता है. ये इंदिरा गांधी के समय से ही होता आ रहा है. करोड़ी लाल मीणा ने कहा, देश के उपराष्ट्रपति पद संवैधानिक है और इस पर एक किसान का बेटा बैठा है. लेकिन इंडिया गठबंधन के नेता उनका मजाक उड़ा रहे हैं. ये मजाक जगदीप धनकड़ की नहीं बल्कि देश के किसान और उपराष्ट्रपति का उपहास है. उन्होंने कहा इसके लिए खासकर राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए.

विधायक मीणा ने कहा कि कोई भी विरोध मर्यादा में रहकर करने के बाद ही जायज है. लेकिन उपराष्ट्रपति की मिमिक्री की जा रही है. जबकि उस वक्त राहुल गांधी भी वहां खड़े हैं और वह खुद भी इसकी वीडियो बना रहे हैं. इस तरह से देश के संवैधानिक पद का मजाक उड़ाना देश कभी बर्दास्त नहीं करेगा.

इंदिरा गांधी के समय भी हुआ था बहुत सारे सांसदों का निलंबन

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, चाहे निम्न सदन हो या उच्च सदन, अगर सदस्यों का आचरण ठीक नहीं होगा तो स्पीकर और सभापति को उन सांसदों को बाहर करने का अधिकार है.

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किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, ये कोई नई बात नहीं है. ये इंदिरा गांधी के समय से ही होता आ रहा है. उनके समय भी सांसदों को बाहर निकाल दिया गया था. ये संसद की परंपरा है की जो आचरण ठीक नहीं करता, उसे निलंबित कर दिया जाता है.

राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने का सभी को हक है

बुधवार को दौसा सांसद जसकौर मीना ने संसद में कहा था की महिलाओं को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. उनके इस बयान को किरोड़ी लाल मीणा ने गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों बोला पता नहीं. लेकिन उनको तो बोलने का सबसे ज्यादा मौका दिया गया है. वहीं संसद में सभी को बोलने का मौका मिलता है, जो राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा प्रमुखता से उठाता है, वो महिला हो या पुरुष सभी को मौका दिया जाता है. यहां जेंडर के आधार पर किसी को मौका नहीं मिलता.

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