NALSA विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया बार पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मामला

भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने भरतपुर जिला बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित बार पदाधिकारियों के आश्वासन पर ध्यान दिया कि योजना के तहत आरोपियों की पैरवी के लिए किसी भी वकील को निकाय की सदस्यता से नहीं हटाया जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट ने जिला बार एसोसिएशन के शपथपत्र के बाद अवमानना का मामला बंद कर दिया...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक जिला वकील संघ के कुछ बार पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही उनकी ओर से यह शपथपत्र दिए जाने के बाद बंद कर दी कि NALSA की कानूनी सहायता योजना के तहत अधिवक्ताओं को आरोपियों का बचाव करने से नहीं रोका जाएगा.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने भरतपुर जिला बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित बार पदाधिकारियों के आश्वासन पर ध्यान दिया कि योजना के तहत आरोपियों की पैरवी के लिए किसी भी वकील को निकाय की सदस्यता से नहीं हटाया जाएगा.

पीठ आपराधिक अभियोजन का सामना कर रहे गरीब लोगों को कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) योजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त बचाव पक्ष के वकील के काम में बाधा डालने वाले बार पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

जिला बार एसोसिएशन ने कुछ वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिन्होंने खुद को NALSA की कानूनी सहायता रक्षा प्रणाली के तहत स्वयंसेवकों के रूप में सूचीबद्ध कराया था.
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