NDTV Election Carnival: रांची में NDTV के मंच पर उठे कई मुद्दें, भाजपा सांसद बोले- 5 में से 2 साल तो कोरोना भी था

NDTV Election Carnival: दिल्ली से निकला NDTV Election Carnival उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार होते हुए झारखंड पहुंच चुका है. शनिवार को झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में एनडीटीवी का मंच सजा.

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रांची में NDTV Election Carnival में अपनी बात रखते भाजपा नेता.

NDTV Election Carnival: लोकसभा चुनाव को लेकर जमीनी हकीकत क्या है? नेताओं के दावे से इतर लोगों के मुद्दें क्या है? इन सब सवालों का जवाब तलाशते-तलाशते दिल्ली से निकला NDTV Election Carnival उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार होते हुए झारखंड पहुंच चुका है. शनिवार को झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में एनडीटीवी का मंच सजा. इस मंच पर रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला मौजूद थे. इनके अलावा बड़ी संख्या में यहां स्थानीय लोगो भी मौजूद थे. रांची में एनडीटीवी के मंच पर स्थानीय के साथ-साथ कई राष्ट्रीय मुद्दें भी उठे. चर्चा के दौरान भाजपा सांसद संजय सेठ ने यह कहा कि बीते 5 साल के कार्यकाल में दो साल को कोरोना ही था. 

रांची में एनडीटीवी के खास कार्यक्रम में स्‍थानीय संस्‍कृति के रंग तो नजर आए ही साथ ही राजनीतिक विमर्श के बीच राष्‍ट्रीय मुद्दों की भी बात हुई. इस चर्चा में आदिवासियों के मुद्दें, हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और चांडिल डैम जैसे स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ ईडी और सीबीआई की कार्रवाई जैसे राष्ट्रीय मुद्दें भी छाए. 

भाजपा सांसद संजय सेठ ने रखे अपने पक्ष

चर्चा के दौरान रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा, "5 साल पूरे हो रहे हैं. इन पांच सालों में दो साल कोरोना भी था. रांची की जनता यह जानती है कि जब महामारी के रूप में सबसे बड़ी आपदा कोरोना आई थी, जब आपदा आई तो भाजपा कार्यकर्ता ही सड़क पर दिखते थे. भाजपा सांसद ने आगे कहा कि हमने महीनों लोगों की सेवा की. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर लोकसभा है. क्षेत्र की जनता इसलिए आपको चुनकर भेजती है कि हमारी जो प्रमुख समस्‍याएं हैं, लोकतंत्र के मंदिर में उन्‍हें उठाया जाए. 

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सांसद बोले- मैंने हर सत्र में क्षेत्र के सवाल उठाए

संजय सेठ ने आगे कहा कि ऐसा कोई सत्र नहीं गया है, जब रांची तो छोड़ दीजिए हमने झारखंड के प्रमुख मुद्दों पर प्रमुखता से बात नहीं रखी हो." प्रश्‍न पत्र लीक मामले में हमने कहा कि 9 लाख छात्रों के साथ खिलवाड़ हुआ है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. ईचागढ़ में चांडिल डैम का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमने सोचा था कि चांडिल डैम वरदान होगा, लेकिन वह अभिशाप बन गया और विस्‍थापितों की चौथी पीढ़ी खड़ी हो गई, लेकिन आज तक उनको न्‍याय नहीं मिला. चांडिल डैम के मामले में भी मैंने सीबीआई जांच की मांग की है. 

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दूसरी ओर एनडीटीवी के मंच पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला ने कहा कि जिस चांडिल डैम को हम जानते हैं कि 32 हजार आदिवासी मूल वासी विस्‍थापित होकर डैम भी बना कारखाना भी बना. वहां पर एक कंपनी को पानी दिया जा रहा है, लेकिन नीचे जो गांव हैं, उन्‍हें पीने के लिए पानी ही नहीं मिल रहा है. 

इधर एनडीटीवी के मंच पर जेएएमए के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आजादी के बाद से रांची की पहचान मदर ऑफ इंडस्‍ट्री एटीसी के रूप में हुई थी. 22 महीने से एचईसी में तनख्‍वाह नहीं मिली है. इससे पहले भी भाजपा के सांसद थे. लगातार बीजेपी के विधायक रहे हैं. 10 साल में हैवी  इंडस्‍ट्री डिपार्टमेंट के किसी भी मंत्री का यहां आना नहीं हुआ है. 

सीबीआई और ईडी की कार्रवाई पर सेठ ने कहा कि आप भ्रष्‍टाचार करोगे, काला धन रखेगा, जमीनों की लूट करोगे तो सीबीआई छापा नहीं मारेगी? यह लूट की छूट नहीं होगी, यह मोदीजी की गारंटी है कि आपने रिश्‍वत ली है और एक भी पैसा जनता का खाया है तो मोदी हिसाब लेंगे और जनता को देंगे. इनकी 60 साल की लूट की दुकान का शटर बंद हो गया है, इसलिए ये इतना बिलबिला रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने चुनौती देते हुए कहा कि इन 10 सालों में एक भी घेाटाला बता दो.

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