NDTV Election Carnival: आईटी सिटी पुणे में क्या है चुनावी हवा, जनता के लिए रोजगार और महंगाई बढ़ा मुद्दा

साल 2019 के चुनाव में पुणे लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी गिरीश बापट ने चुनाव जीता था. 29 मार्च 2023 को गिरीश बापट का निधन हो गया, तभी से यह सीट खाली पड़ी हुई है.

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NDTV Election Carnival: लोकसभा चुनाव 2024 अपने तीसरे फेज के मतदान के नजदीक पहुंच रहा है. देश में 7 मई को तीसरे फेज का मतदान कराया जाएगा. वहीं चुनावी माहौल में वोटर्स के मूड को भांपने के लिए NDTV का खास कार्यक्रम एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल का सफर लगातार जारी है. दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद महाराष्ट्र में एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल अपना सफर तय कर रहा है. जहां नासिक के बाद आईटी सिटी पुणे में चुनावी हवा पता करने पहुंचे हैं. पुणे महाराष्ट्र के सबसे बड़े शहरों में से एक है. चुनाव की बात करें तो यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है. हालांकि 2014 के बाद से यह सीट बीजेपी के कब्जे में हैं.

पुणे लोकसभा क्षेत्र जिले की 6 विधानसभाओं को मिलाकर बनाया गया है.साल 2019 के चुनाव में पुणे लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी गिरीश बापट ने चुनाव जीता था. 29 मार्च 2023 को गिरीश बापट का निधन हो गया, तभी से यह सीट खाली पड़ी हुई है. इस बार बीजेपी ने पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल को मैदान में उतारा है. तो वहीं कांग्रेस ने रवींद्र धांगेकर को चुनावी मैदान में खड़ा किया है. हालांकि कि मैदान में AIMIM के उम्मीदवार अनीस सुंडके भी उतरे हुए हैं. पुणे में 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होनेवाला है.

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बीजेपी ने पुणे को बताया नौकरियों का गढ़

बीजेपी नेता अजित चौहान ने कार्यक्रम में कहा कि पुणे में देश का हर बच्चा नौकरी करता है. देश में आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला पुणे ही है. अलग-अलग क्षेत्रों में भी सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला पुणे ही है. बीजेपी देश की ऐसी पहली पार्टी है, जिसने 78 मुद्दों को अपने बूते पर सुलझाया है.

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कांग्रेस ने कहा पुणे इकोनॉमिक जोन बनाया था

कांग्रेस नेता अरविंद शिंडे ने कहा कि कांग्रेस के समय में हमने इकोनॉमिक जोन बनाए थे. आईटी सेक्टर खोले गए. जिससे 1997 में पुणे का कॉर्पोरेशन बजट 500 करोड़ का था. जबकि 2007 में यह 5 हजार करोड़ हो गया. उम्मीद है जनता इस बात को समझेगी और कांग्रेस को वोट देगी.

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क्या कहती है पुणे की जनता

पुणे की जनता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है. फर्स्ट टाइम वोटरों में बेरोजगारी को लेकर बहुत चिंता है. कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना से पहले सैलरी ठीक थी लेकिन अब पहले से काफी कम हो गई है. वहीं कुछ वोटरों ने महंगाई का मुद्दा उठाया. जहां महंगाई हर साल 7 से 8 प्रतिशत बढ़ रही है. लेकिन सैलरी उस हिसाब से नहीं बढ़ रही है. 

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