NDTV Election Carnival: माया नगरी मुंबई में क्या है जनता का मूड, MVA या NDA किसे चुनेंगे वोटर्स

मुंबई वैसे तो शिवसेना का गढ़ रहा है लेकिन अब शिवसेना दो गुटों में बंटी है. वहीं एनसीपी का भी कुछ यही हाल है. हालांकि, NDA और MVA की टक्कर दिलचस्प मानी जा रही है.

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NDTV Election Carnival: लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की लोकसभा सीटें काफी अहम है. क्योंकि देश महाराष्ट्र दूसरा ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा 48 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में यह सीटें बीजेपी के लिए काफी अहम है क्योंकि यह पीएम मोदी के 400 पार के टारगेट को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी है. यही वजह है कि महाराष्ट्रा में बीजेपी अपना पूरा दमखम लगा रही है. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान NDTV का खास कार्यक्रम एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल जनता के मूड जानने की कोशिश कर रहा है. एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल का सफर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र में नासिक और पुणे के बाद मुंबई पहुंच गया है. मुंबई में लोकसभा की 6 सीटें हैं.

मुंबई वैसे तो शिवसेना का गढ़ रहा है लेकिन अब शिवसेना दो गुटों में बंटी है. वहीं एनसीपी का भी कुछ यही हाल है. कांग्रेस के नेता भी पार्टी छोड़ रहे हैं जिससे पार्टी कमजोर हुई है. ऐसे में NDA यहां मजबूत माना जा रहा है. हालांकि, NDA और MVA की टक्कर दिलचस्प मानी जा रही है.

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मुंबई में 6 लोकसभा सीटें हैं- दक्षिण मुंबई, दक्षिण-मध्य मुंबई, उत्तर मुंबई, उत्तर-मध्य मुंबई, उत्तर-पूर्व मुंबई और उत्तर पश्चिम मुंबई. इसके अलावा मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में ठाणे, कल्याण, भिवंडी और पालघर लोकसभा सीटें भी आती हैं. मुंबई में विधानसभा की कुल 26 सीटें है. यहां पांचवें फेज में 20 मई को वोटिंग होनी है. 

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बीजेपी का क्या है दावा

कार्यक्रम में शामिल हुए बीजेपी नेता आसिफ भामला का कहना है कि MVA के अंदर काफी मतभेद है. जबकि INDIA गठबंधन को देखें तो केजरीवाल ममता बनर्जी के खिलाफ बोलते हैं. तो ममता बनर्जी बंगाल में कांग्रेस के खिलाफ बोलती हैं. जबकि विकास के लिए स्थिर सरकार की जरूरत होती है. जो बीजेपी और इसके गठबंधन में है. अगर हमें भारत की नई तस्वीर बनानी है तो मोदी सरकार बनानी होगी.

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कांग्रेस ने क्या कहा

मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पीएम मोदी मौजूदा समय में परेशान हैं इसलिए 400 पार का नारा नहीं दे रहे हैं. बल्कि वह कांग्रेस के घोषणा पत्र को कोस रहे हैं. इससे पता चलता है कि हवा का रूख बदल रहा है.

मुंबई के वोटर्स के पास क्या है मुद्दा

मुंबई के युवा मतदाताओं का कहना है कि बेरोजगारी और महंगाई बड़ा चुनावी मुद्दा है. इसे किसी भी तरह खत्म करना चाहिए. वहीं गठबंधन और जोड़तोड़ की राजनीति पर भी वोटर्स ने सवाल उठा. वहीं कुछ वोटर्स ने कहा कि मुंबई में 10 साल में जो काम हुआ है वह आगे भी जारी रहना चाहिए.

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