राजस्थान कैडर की सीनियर IPS ऑफिसर नीना सिंह बनीं CISF की DG, इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी

राजस्थान कैडर की सीनियर IPS ऑफिसर नीना सिंह  केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की DG बनाई गई है. वो इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
CISF की DG बनाई गई राजस्थान कैडर की सीनियर आईपीएस अधिकारी नीना सिंह.

राजस्थान कैडर की सीनियर IPS ऑफिसर नीना सिंह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की DG बनाई गई हैं. नीना सिंह इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं. नीना सिंह मूलरूप से बिहार की रहने वाली हैं. उनके पति रोहित कुमार सिंह भी राजस्थान कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. नीना सिंह पहले सीआईएसएफ की एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) थी. अब उन्हें डीजी बनाते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की पूरी कमान दे दी गई है. 

मालूम हो कि नीना सिंह मूलरूप से  बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली हैं. वो राजस्थान कैडर की आईपीएस ऑफिसर हैं. वो पहले राजस्थान की पहली महिला डीजी भी रही हैं. नीना सिंह को तेज तर्रार आईपीएस के रूप में जाना जाता है. उनके काम के लिए 2005 में उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. नीना सिंह ने अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. 

जानिए कौन हैं नीना सिंह, जो बनी CISF की पहली महिला DG

Advertisement

नीना सिंह राजस्थान कैडर की 1989 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. वो अभी तक CISF (Central Industrial Security Forces)  में एडीजी की जिम्मेदारी संभाल रही थी. वो राजस्थान पुलिस में डीजी पद पाने वाली पहली महिला ऑफिसर हैं. इसके पहले वो केंद्र सरकार में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं.

Advertisement


PNB घोटाले और नीरव मोदी मामलों की जांच में भी थी शामिल

आईपीएस नीना सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में संयुक्त निदेशक के रूप में काम किया है. सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी, आर्थिक अपराधों, बैंक धोखाधड़ी और खेल अखंडता से संबंधित कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच का हिस्सा रही. इसमें पीएनबी घोटाला और नीरव मोदी सहित महत्वपूर्ण मामलों की जांच का भी हिस्सा रही थीं.

Advertisement

नोबेल विनर इकोनॉमिस्ट के साथ भी किया काम 

प्रशासनिक कामकाज के साथ-साथ नीना सिंह ने लेखन का काम भी खूब किया है. उन्होंने अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार विजेताओं, अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो के साथ शोध पत्रों का सह-लेखन भी किया है. वह राजस्थान राज्य महिला आयोग की सदस्य-सचिव भी थीं और महिलाओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए काम करती थीं. वे कोरोना महामारी के दौरान राजस्थान में प्रमुख शासन सचिव (स्वास्थ्य) की जिम्मेदारी संभाल रही थी. 

यह भी पढ़ें -