SI paper leak case 2021: सुप्रीम कोर्ट ले SI पेपर लीक मामले में 11 ट्रेनी SI की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों का अपराध एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ न होकर पूरे समाज के खिलाफ है. आरोपियों ने लाखों प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों की भावनाओं के साथ खेला है, ऐसे में उन्हें किसी तरह की राहत नहीं दे सकते. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने यह आदेश दिया. आरोपी सुभाष बिश्नोई और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
"SOG ने पर्याप्त सबूत होने पर गिरफ्तार किया"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने कानून का उल्लंघन नहीं किया. SOG आरोपियों को पूछताछ के लिए लाई थी. पर्याप्त सबूत होने पर गिरफ्तार किया. 24 घंटे में आरोपियों को कोर्ट में पेश भी कर दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार के तर्कों पर सहमति जताई. आरोपियों ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था.
हाईकोर्ट ने 8 मई को आरोपियो की जमानत रद्द कर दी थी
हाईकोर्ट ने 8 मई को आरोपियों की जमानत रद्द कर दी थी. सुभाष बिश्नोई और सुरेंद्र कुमार बगड़िया सहित 6 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में कहा कि एसओजी ने उन्हें 24 घंटे गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा. उनके अधिकारों को हनन किया. ऐसे में आरोपियों ने संविधान के अनुच्छेद 32 के प्रावधानों के आधार पर उनको रिहा करने की गुहार लगाई लगाई थी. अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि आरोपियों ने केवल कानूनी परिणामों से बचने के लिए कदम उठाया. इस मामले में चालान पहले ही पेश हो चुका है. आरोपी ट्रायल से बचना चाहते हैं.
SOG ने 3 अप्रैल को 11 ट्रेनी SI को गिरफ्तार किया था
2 अप्रैल को SOG राजस्थान पुलिए एकेडमी पहुंची. 3 घंटे तक ट्रेनी SI से पूछताछ की थी. इसके बाद 15 ट्रेनी एसआई को डिटेन कर एसओजी मुख्यालय लाया, इसमें में 2 महिला और 13 पुरुष सब इंस्पेक्टर थे. पूछताछ के बाद 3 अप्रैल को 11 ट्रेनी SI को गिरफ्तार कर लिया गया था. एसओजी ने जोधपुर कमिश्नरेट के सदर बाजार थाने में तैनात कांस्टेबल अभिषेक बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया था. अभिषेक बिश्नोई एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पास हुआ था. लेकिन, उसने ज्वाइन नहीं किया था.