Sudarshan bridge: सुदर्शन ब्रिज बना देश का सबसे लंबा केबल बेस्ड ब्रिज, जानिए पहले किस नाम से जाना जाता था?

India's Longest Cable Based Bridge: 979 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए सुदर्शन ब्रिज की आधारशिला पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में रखी थी. द्वारका शहर से 30 किमी दूर 2.3 किमी लंबा यह सुदर्शन ब्रिज पुराने और नए द्वारका के बीच एक कड़ी के रूप में काम करेगा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने किया सुदर्शन ब्रिजा का उद्घाटन

Sudarshan Bridge Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के द्वारका में रविवार को भारत के सबसे लंबे केबल-आधारित ब्रिज का उद्घाटन किया. गुजरात के ओखा और बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले 'सुदर्शन सेतु' का नाम पहले सिग्नेचर ब्रिज था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर सुर्दशन ब्रिज कर दिया गया है.

979 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए सुदर्शन ब्रिज की आधारशिला पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में रखी थी. द्वारका शहर से 30 किमी दूर 2.3 किमी लंबा यह सुदर्शन ब्रिज पुराने और नए द्वारका के बीच एक कड़ी के रूप में काम करेगा.

सिग्नेचर ब्रिज का बदला गया है नाम

'सिग्नेचर ब्रिज' के नाम से जाना जाने वाले ब्रिज का नाम बदलकर 'सुदर्शन सेतु' या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है. बेयट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है.

क्यों है खास है ये नया ब्रिज

सुदर्शन सेतु एक अद्वितीय डिजाइन का दावा करता है, जिसमें भगवद गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ 2.50 मीटर चौड़ा फुटपाथ है. यह 27.20 मीटर चौड़े चार लेन वाले सुदर्शन ब्रिज के दोनों तरफ हैं. 

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