Jagdeep Dhankhar: जनता दल से सांसद, कांग्रेस से विधायक... NDA से बने उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ का जानिए राजनीतिक सफर

Jagdeep Dhankhar Political Career: आईए जानते हैं कि जनता दल से अपने राजनीतिक करियर शुरू करने वाले जगदीप धनखड़ कैसे उपराष्ट्रपति बन गए. उपराष्ट्रपति बनने से पहले उनका सियासी सफर कैसा रहा है.

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जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर

Jagdeep Dhankhar Political Career: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजे इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. झुंझुनूं के एक छोटे से गांव से निकलकर देश के 14वें उपराष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले धनखड़ ने अपने इस्तीफे में पीएम मोदी, सरकार और संसद सदस्यों का आभार जताया और कहा कि उन्हें भारतीय लोकतंत्र के सबसे निर्णायक वर्षों का साक्षी बनने का अवसर मिला. 

किठाना गांव में पैदा हुए जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में झुंझुनूं के किठाना गांव में 18 मई 1951 को हुआ था. कक्षा 1 से 5वीं तक की पढ़ाई धनखड़ ने गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय से ही की. इसके बाद गांव से 4-5 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय, गढ़धाना में 6वीं में पढ़ाई की. वह गांव के अन्य छात्रों के साथ पैदल स्कूल जाते थे.

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1962 में चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, फुल मेरिट स्कॉलरशिप पर स्कूल में कक्षा 5 में प्रवेश मिला. चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल से कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की. 

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पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ जगदीप धनखड़

राजस्थान विश्वविद्यालय से जुड़े महाराजा कॉलेज, जयपुर से उन्होंने बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी में डिग्री हासिल की और 1978-1979 राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी भी की.

जनता दल से राजनीतिक सफर की शुरुआत

एलएलबी करने के बाद जगदीप धनखड़ ने वकालत शुरू की और 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बने. जगदीप धनखड़ ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल से की और 1989 में जनता दल के टिकट पर पहली झुंझझूं से सांसद चुने गए. चंद्रशेखर सरकार में धनखड़ मंत्री भी रहे. 

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1991 में कांग्रेस में हुए शामिल

जनता दल में टूट के बाद जगदीप धनखड़ 1991 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा. बाद में धनखड़ कांग्रेस पार्टी से किशनगढ़ विधानसभा सीट से विधायक बने. जगदीप धनखड़ ने 2003 में भाजपा की सदस्यता ली. 2016 में बीजेपी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पार्टी में कानूनी मामलों का विभाग प्रमुख बनाया.

इसके बाद 30 जुलाई 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया. बंगाल के राज्यपाल रहते ममता सरकार के साथ उनका विवाद सुर्खियां में रहा. बाद में 2022 के उपराष्ट्रपति के चुनाव में जगदीप धनखड़ एनडीए की ओर से उम्मीदवार बने. चुनाव में जीत दर्ज करने पर 11 अगस्त 2022 को जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने.

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