क्या है 'CAA', जानें नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में सबकुछ

Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव नजदीक आ गया है, ऐसे में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सीएए कानून को देशभर में लागू कर दिया है. जानें इस कानून से जुड़ी सारी बातें.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

CAA Rules in India: देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था. मुस्लिम समुदाय द्वारा इसका व्यापक विरोध भी किया गया था. लेकिन सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से इसे देशभर लागू कर दिया गया. इस कानून के लागू हो जाने से गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा. लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है. 

क्या है CAA?

सीएए यानी की नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. दिसंबर 2014 से पहले से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई ) को नागरिकता दी जाएगी.

CAA की राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

11 दिसंबर 2019 को भारतीय संसद में सीएए को पारित किया गया था. 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस विधेयक की मंजूरी दे दी थी. इसके पक्ष में 125 और खिलाफ में 105 वोट पड़े थे.

मुसलमान CAA का विरोध क्यों कर रहे हैं?

इस कानून का विरोध सबसे ज्यादा मुसलमान कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस कानून को लागू करने में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, इसमें मुसलमानों को भी रखना चाहिए. साथ ही मुसलमानों का यह भी तर्क है कि नागरिकता पाने के लिए शरणार्थी अपना धर्म भी बदल सकते हैं. 

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CAA पर सरकार का तर्क

सरकार का यह मानना है कि CAA केवल मुस्लिम-बहुल देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है. साथ ही सरकार का ये भी तर्क है कि इन देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक है फिर वह कैसे प्रताड़ित हुए. इसीलिए यहां पर प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों को ही नागरिकता दी जानी चाहिए. 

कैसे होगा CAA के तहत नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार CAA कानून को लागू करने की अधिसूचना को जारी करने के बाद एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करने वाली है. इसके लिए पूरी तैयारी भी हो चुकी है. इस पोर्टल के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थी (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई ) भारतीय नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन करेंगे. जिसमें उन्हें अपने बारे में जानकारी और भारत में प्रवास का समय बताना होगा. हालांकि, इसके लिए पोर्टल पर किसी तरह के दस्तावेज अपलोड नहीं करने होंगे. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन सबमिट करने के बाद उन्हें नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू होगी.

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बता दें, रजिस्ट्रेशन को मोबाइल फोन पर किया जा सकेगा. वहीं नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले लंबित हैं, उन्हें भी ऑनलाइन कन्वर्ट कर दिये जाएंगे.

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