Tourist Places To Visit In Ajmer: दिसंबर का महीना शुरू होने वाला है. यह महीना राजस्थान में पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. ऐसे में अगर आप धोरों की धरती पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो रेगिस्तान के दिल अजमेर की सैर (Ajmer Tourism) जरूर करें. भारत का मक्का कहा जाने वाला अजमेर राजधानी जयपुर से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक खूबसूरत शहर है. जमीन से लगभग 486 फीट की ऊंचाई पर स्थित और अरावली पहाड़ियों से घिरा यह शहर पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों की लिस्ट में शामिल है. यहां शानदार मुगल वास्तुकला और अजमेर शरीफ दरगाह (ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह) का पवित्र स्थान है. इसके अलावा यहां घूमने के लिए और भी कई पर्यटन स्थल हैं जिन्हें देखने के लिए आप यहां आ सकते हैं. तो चलिए जानते है उन स्थलों के बारे में.
पुष्कर
सर्दियों के मौसम में पुष्कर के रेगिस्तान में घूमने का अपना एक अलग ही मजा है. गर्मियों में रेतीले टीलों पर हवा के झोंके आपको परेशान करते हैं, वहीं सर्दियों में ठंडी हवा और चिलचिलाती धूप बहुत अच्छी लगती है. इसके साथ ही आप ऊंट की सवारी का मजा लेते हुए रेतीले राजस्थान में भी घूम सकते हैं.
अजमेर दरगाह शरीफ
अजमेर गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की विश्व प्रसिद्ध दरगाह है. देश-दुनिया से सभी धर्मों के लोग, साथ ही राजदूत, राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक यहां चादर चढ़ाने आते हैं. हज यात्रा के बाद मुस्लिम समुदाय के लिए यह एक पवित्र तीर्थस्थल है. इसलिए इसे भारत का मक्का भी कहा जाता है. हर साल यहां लगने वाले उर्स मेले में लाखों जायरीन अपनी अकीदत पेश करने आते हैं. दरगाह शरीफ़ में निज़ाम गेट, औलिया मस्जिद, दरगाह दरगाह, बुलंद दरवाज़ा, जामा मस्जिद, महफ़िलखाना और अन्य संरचनाओं में वास्तुकला की अद्भुत झलक देखी जा सकती है.
मकबरा
मकबरे में हैदराबाद के निज़ाम द्वारा बनवाया गया एक विशाल द्वार है. बरामदे के दाईं ओर अकबरी मस्जिद है जो सफ़ेद संगमरमर से बनी है और मेहमानों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है. प्रांगण में शाहजहां के जरिए बनवाई गई एक और मस्जिद और दो विशाल कड़ाहे हैं.दरगाह के अंदर में स्थित, शाहजहां की मस्जिद बेहतरीन सफ़ेद संगमरमर से बनी एक शानदार इमारत है.
अढ़ाई दिन का झोपड़ा
अढ़ाई दिन का झोपड़ा भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. यह शहर के बाहरी इलाके में स्थित है और दरगाह से थोड़ी दूरी पर है. इसे मात्र ढाई दिन में बनाया गया था. दरअसल, यह झोपड़ा नहीं बल्कि एक मस्जिद है. यह इमारत मूल रूप से एक संस्कृत स्कूल थी, जिसे मोहम्मद गौरी ने 1198 में मस्जिद में बदल दिया था. इसे हेरात के अबू बकर ने डिजाइन किया है. इसका इतिहास 800 साल पुराना है.
तारागढ़ किला
तारागढ़ के खंडहर अढ़ाई दिन का झोपड़ा से मात्र डेढ़ घंटे की चढ़ाई पर हैं. पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस किले में आने वाले पर्यटक यहां से पूरे शहर का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं. मुगल काल के दौरान सभी सैन्य गतिविधियां यहीं होती थीं और बाद में इसे अंग्रेजों ने अभयारण्य के रूप में इस्तेमाल किया.
आनासागर झील
अजमेर के उत्तर में स्थित इस खूबसूरत झील का निर्माण 1135-1150 ई. के दौरान आणजी ने करवाया था। बाद में मुगल बादशाहों ने झील को और भी खूबसूरत बनाने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए. शाहजहां ने बलुआ पत्थर से बना एक मंडप 'बारादरी' बनवाया और दौलत बाग गार्डन का निर्माण और रखरखाव जहांगीर ने करवाया था. यह झील परिवार के साथ घूमने के लिए एक दिलचस्प जगह है.
अजमेर घूमने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है. इन दिनों में यहां का तापमान 15-18 डिग्री के बीच रहता है, जबकि रातें 6 डिग्री के साथ काफी ठंडी होती हैं. ऐसे में जिन जगहों पर गर्मियों में तापमान अधिक होने के कारण नहीं जाया जा सकता, उन जगहों पर सर्दियों के मौसम में कुछ सुकून भरे पल बिताए जा सकते हैं. और सर्दियों के दौरान अजमेर का भरपूर आनंद लिया जा सकता है.
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