सफेद गेंदे की खेती से मालामाल हो रहे राजस्थान के किसान, भरतपुर में किसानों की बदली तस्वीर

White Marigold Flowers Cltivation: गेंदे के फूल 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाते हैं. इस खेती से एक साल में करीब 15 लाख रुपये की कमाई होती है.

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सफेद गेंदे के फूलों की खेती की तस्वीर

Farmers' Innovation News: राजस्थान के भरतपुर में पारंपरिक खेती को छोड़ किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए नगदी और बागवानी खेती पर ध्यान दें रहा है, जिनसे उनकी आय में कुछ वृद्धि हो सके. वहीं भरतपुर के लंगोटपुरा गांव के किसान हरिमोहन ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए सफेद रंग के गेंदे के फूल की खेती 3 हेक्टेयर खेत में की है, जिनसे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. इस खेती के जरिए उनके लिए रोजगार का एक अच्छा आयाम बन गया है. जिससे लाखों रुपये की आमदनी हर महीने हो रही है. साथ ही रोजगार की तलाश में उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है.

ऐसे की खेती की शुरुआत

खुद हरिमोहन कुशवाह ने बताया कि गेंदे की पैदावार के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है. साथ ही इसमें ज्यादा मजदूरों की जरूरत पड़ती है 10 बीघा फसल को सात-आठ मजदूर आराम से संभाल लेते हैं और गर्मियों के दिनों में रोजगार का अच्छा आयाम है. सफेद गेंदे के फूल की खेती का एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन उत्पादन होता है. जबकि 60 से 65 दिनों में यह तैयार हो जाता है. इस खेती से एक साल में करीब 15 लाख रुपये के आस पास कमाई होती है.

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कई राज्यों में होती है सप्लाई

दूर-दूर तक जाते हैं फूल यूं तो वाइट मेरिगोल्ड नाम से प्रसिद्ध सफेद गेंदों के फूलों की मांग देश के हर कोने से आती है. लेकिन सुविधा के अनुसार आगरा, देहली, जयपुर, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में फूलों की सप्लाई किया जा रहा है.

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शादियों के सीजन में बढ़ती है डिमांड

यूं तो भारतीय संस्कृति में मालाओं का जिक्र रामायण काल से ही होता आ रहा है. सजावटी वस्तुओं से लेकर शादी विवाहों में मालाओं का खूब उपयोग होता है, शादियों में जयमाला का ज्यादा क्रेज बढ़ने से फूलों की ज्यादा डिमांड बढ़ जाती है और ऑर्डर पर फूल भेज दिए जाते हैं.

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