Kathumar: खुदाई के दौरान निकली विष्णु महादेव की 3 फुट ऊंची मूर्ति, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

कठूमर उपखंड अलवर जिले में आता है. ये डीग से सटा हुआ इलाका है. यहां एक टीले की खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति निकली है, जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई है.

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कठूमर उपखंड में मिट्टी की खुदाई के दौरान निकली मूर्ति

Rajasthan News: राजस्थान में डीग जिले के तसई गांव में एक टीले पर मिट्टी खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की काले पाषाण वाली तीन फीट ऊंची प्राचीन मूर्ति निकली. गुरुवार को जैसे ही यह खबर आसपास के क्षेत्र में लोगों ने सुनी तो वे सारे काम छोड़कर मौके पर पहुंच गए और मूर्ति के दर्शन करके उस पर फूल माला चढ़ाने लगे. एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों से बात की है और फिर अधिकारी से मिलकर मूर्ति के बारे में जानकारी ली.

1 महीने बाद मिली प्लॉट से मिली मूर्ति

तसई गांव के सरपंच मुकेश ने बताया, 'ब्राह्मण समाज के सती मंदिर के पास एक प्राचीन टीला है, जिसकी करीब एक माह पहले खुदाई की गई थी. उस वक्त जो मिट्टी खोदी गई, उसे एक ट्रैक्टर की ट्रॉली में भरकर गांव के बाहर एक प्लॉट में डलवा दिया गया था. तब तक किसी को भी मिट्टी में दबी मूर्ति के बारे में भनक तक नहीं लगी थी. आज जब प्लॉट पर पड़ी उस मिट्टी के समतल करने के लिए काम शुरू हुआ तो अचानक टैक्टर का मांजा मिट्टी में दबे किसी पत्थर में फंस गया. इसके बाद प्लॉट के मालिक बल्लो पुत्र बरकत ने फावड़े आदि से मिट्टी हटाई तो वहां एक मूर्ति दिखाई दी. इसके बाद अनेक लोगों ने मूर्ति को उठाकर सीधा किया तो भगवान विष्णु की मूर्ति निकली. मूर्ति निकलने की सूचना मिलते ही तासई गांव के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए, जिसके चलते वहां भारी भीड़ जमा हो गई.'

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पुरातत्त्व विभाग को दी गई जानकारी

सरपंच ने बताया कि तसई गांव प्राचीन है. आज भी यहां जगह-जगह ऊंचे टीले मौजूद हैं. बताया जाता है कि करीब 2000 शताब्दी में यह बसा था. फिर 1405 विक्रम संवत में ठाकुर सूरज सेन द्वारा एक ऊंचे टीले पर यह तानहौरी गांव बसाया गया, जिसे अब तसई गांव के नाम से जाना जाता है. तसई में पहले भी मूर्तियां निकल चुकी हैं. इस वक्त गांव में पातालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से सबसे प्राचीन मंदिर मौजूद है. कठूमर उपखंड के SDM सुखराम ने बताया कि मूर्ति निकलने की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम गांव तसई पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद पुरातत्त्व विभाग को इस मूर्ति के बारे में सूचना दी गई ताकि वे यहां आकर जांच करके बता सकें कि विष्णु महादेव भगवान की यह मूर्ति कितनी पुरानी है.

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