Rajasthan Hospitals: बीकानेर के हॉर्ट हॉस्पिटल हल्दीराम-मूलचन्द ( Heart Hospital Haldiram-Moolchand) को नेशनल मेडिकल बोर्ड ने दिल्ली स्थित ऑल इन्डिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ के बराबर का दर्जा दिया है. इसके साथ ही हल्दीराम-मूलचन्द हॉर्ट अस्पताल राजस्थान का पहला ऐसा हॉस्पिटल बन गया है, जहां कार्डियोलॉजी में सुपर स्पेशलिटी करवाने की व्यवस्था है.
गौरतलब है पीबीएम अस्पताल से एसोसिएट हल्दीराम-मूलचन्द गवर्नमेंट कार्डियो वैस्क्युलर साइंसेज़ एंड रिसर्च सेन्टर का लेवल अब दिल्ली स्थित एम्स के बराबर माना जाने लगा है, क्योंकि कार्डियोलॉजी में सुपर स्पेशिलिटी करवाने वाला ये राजस्थान का एकमात्र सेन्टर है.
बीकानेर स्थित एसपी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज के लिए ये एक बहुत बड़ा अचीवमेंट है. पहले बैच की प्रायोगिक परीक्षा सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गई है. इससे देश को बेहतरीन कार्डिएक सुपर स्पेशलिस्ट मिलेंगे.
कैथ लैब का कोर्स शुरू होना सबसे एहम उपलब्धि
सुपर स्पेशिलिटी के अलावा हल्दीराम-मूलचन्द हार्ट हॉस्पिटल मेंकैथ लैब टेक्नीशियन कोर्स का शुरू होना दूसरी बड़ी उपलब्धि है. ये राज्य का एकमात्र हार्ट अस्पताल है, जहां कैथ लैब टेक्नीशियन का कोर्स शुरू होने जा रहा है. पैरामेडिकल काउन्सिल, जयपुर ने कार्डियोलॉजी विभाग को कैथ लैब टेक्नीशियन के 2 साल के कोर्स के लिए मान्यता प्रदान की है.
डा. देवेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि अभी तक राजस्थान में कैथ लैब तो काफ़ी तादाद में हैं, लेकिन उनके लिए टेक्नीशियन तैयार करने के लिए कोई इंस्टिट्यूट नहीं था. बीकानेर में इसका कोर्स शुरू होगा और यहां से पास आउट होने वाले एक्सपर्ट टेक्नीशियन पूरे देश मे सेवाएं दे सकेंगे.
ये भी पढ़ें-अंधविश्वास की पराकाष्ठा! अस्पताल के ICU में मृत व्यक्ति की आत्मा लेने पहुंचे परिजन