Bikaner Masterplan: राजस्थान के बीकानेर जिले की दशा बदल देगा ये मास्टरप्लान, 90 गांवों की बदल जाएगी तस्वीर

हालिया सर्वे के अनुसार 90 गांवों को नगर विकास न्यास के सीमा क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. जिसके बाद नगर की सीमा 43 हज़ार हेक्टेयर से ज़्यादा हो जाएगी. साथ ही नौरंगदेसर तक ग्रीन बेल्ट भी विकसित किया जाएगा. इसका फायदा ये होगा कि पर्यावरण का भी खास ख्याल रहेगा.

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बदल जाएगी बीकानेर की तस्वीर

Bikaner City Master Plan: बीकानेर शहर के नए मास्टर प्लान का सर्वे पूरा हो गया है और अब सन 2043 की जरूरतों के मद्देनजर शहर के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. इस पर चर्चा करने के लिए यूआईटी सभागार में जिला कलेक्टर और नगर विकास न्यास अध्यक्ष नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें बीकानेर-पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास और कई अधिकारी मौजूद रहे.

गौरतलब है कि सन 2043 में होने वाली जरूरतों और उस वक्त के साथ बढ़ी हुई आबादी को ध्यान में रखते हुए अब नए मास्टर प्लान की आवश्यकता महसूस होने लगी है. सर्वे के मुताबिक सन 2043 में बीकानेर यूआईटी क्षेत्र में जनसंख्या का आंकड़ा 16 लाख से ज़्यादा पहुंच सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए नया मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. ये मास्टर प्लान बीकानेर शहर का तीसरा मास्टर प्लान होगा. इससे पहले वर्ष 1976 और 2001 में मास्टर प्लान तैयार हुए और क्रमशः 1977 और 2002 में उन्हें नोटिफाई किया गया.

मास्टर प्लान में शामिल होंगे 90 गांव 

तीसरे मास्टर प्लान का सर्वे वेप्कोस से करवाया गया है. सन 2043 तक के मास्टर प्लान में 90 और गांव को शामिल किया जाएगा. जिला कलेक्टर के अनुसार 2043 की जरूरतों के मुताबिक़ सभी विभागों से सुझाव मांगे जा रहे हैं. वहीं बीकानेर-पश्चिम के विधायक जेठानन्द व्यास ने कहा कि बीकानेर का चहुंमुखी विकास हो, इसके लिए नया मास्टर प्लान अहम भूमिका निभाएगा. इससे जुड़े कुछ सुझाव राज्य सरकार को भेजे गए हैं. नगर विकास न्यास द्वारा इनका परीक्षण कर इन्हें भी शामिल किया जाएगा.

नगर की सीमा हो जाएगी 43 हजार हेक्टेयर

हालिया सर्वे के अनुसार 90 गांवों को नगर विकास न्यास के सीमा क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. जिसके बाद नगर की सीमा 43 हज़ार हेक्टेयर से ज़्यादा हो जाएगी. साथ ही नौरंगदेसर तक ग्रीन बेल्ट भी विकसित किया जाएगा. इसका फायदा ये होगा कि पर्यावरण का भी खास ख्याल रहेगा. नया मास्टर प्लान आने से पैराफेरी इलाकों में नए उद्योग पनपेंगे और वहाँ भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. शहर के विकास की गति को पंख लगेंगे.

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