Dussehra 2024: दशहरे पर नीलकंठ पक्षी को देखना माना जाता है शुभ, खुल जाते है बंद किस्मत के ताले

Vijayadashami2024: विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत फलदायी बताया गया है.इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा का प्रतीक माना जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

 Dussehra  2024: सनातन धर्म में नीलकंठ पक्षी को शुभ संकेत माना जाता है. सांस्कृतिक रूप से इस पक्षी को समृद्धि, शांति, सौम्यता और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से दुर्गा पूजा में विजयादशमी (Vijayadashami 2024) के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत फलदायी बताया गया है.इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा का प्रतीक माना जाता है.

नीलकंठ पक्षी को देखना माना जाता है शुभ

हिंदू धर्म में दशहरा जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, आश्विन मास की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. दशहरा का त्यौहार बुराई पर पुण्य की जीत का संदेश देता है. दशहरे के दिन ऐसी मान्यता है कि इस दिन नीलकंठ के दर्शन करना भी बहुत शुभ माना जाता है. क्योंकि इसे लक्ष्मी जी का ही एक रूप माना जाता है. लेकिन यह इतना आसान नहीं है। क्योंकि अन्य दिनों की तरह दशहरे के दिन यह नदारद रहता है.

Advertisement

क्या है कहानी

भगवान श्री राम ने दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन कर रावण पर विजय प्राप्त की थी. अच्छाई की जीत के इस पर्व पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन की परंपरा सदियों से चली आ रही है. मान्यता है कि जब भगवान श्री राम रावण का वध करके लौटे तो उन पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था. इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने लक्ष्मण के साथ भगवान शिव की आराधना की थी. इस आराधना से शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने नीलकंठ पक्षी के रूप में राम और लक्ष्मण को दर्शन दिए. इसलिए दशहरे के मौके पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है.

Advertisement

दशहरा कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और यह 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगा। इस प्रकार, 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा.

Advertisement

यह भी पढ़ें: सबरीमला मंदिर में भक्तों के दर्शन का बदला नियम, अब मंदिर में ऐसे मिलेगी एंट्री

Topics mentioned in this article