Karwa Chauth 2024: करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह हिंदू कैलेंडर के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को पड़ रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार इस दिन व्यतिपात योग कृत्तिका नक्षत्र और विष्टि, बव, बालव करण बन रहे हैं. साथ ही चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद रहेगा. इस संयोग में करवा माता की पूजा करने से दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां खत्म होंगी और रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी.
चंद्रमा दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं महिलाएं
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि यह व्रत उत्तर भारत जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार में खास तौर पर मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश और शिव-पार्वती के साथ करवा माता की पूजा का विधान है. इस दिन व्रती महिलाएं रात में चांद देखने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं.
करवा चौथ शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर 2024
चतुर्थी तिथि आरंभ- 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06:46 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04:16 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा.
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
करवा चौथ पूजा का मुहूर्त (Karwa chauth puja Mahurat) 20 अक्टूबर को शाम 5:46 बजे से शुरू होकर शाम 7:02 बजे तक रहेगा. यानी कुल मुहूर्त 1 घंटा 16 मिनट का होगा.
चंद्र दर्शन का समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया है कि करवा चौथ पर चंद्र दर्शन (Karwa Chauth Moon Timing 2024) से इच्छा फल की प्राप्ति होती है. इस बार करवा चौथ 20 अक्टूबर रविवार को है. इस दिन चंद्रमा शाम 07:57 बजे उदय होगा। ऐसे में व्रती महिलाओं को सिर्फ एक घंटे तक ही चंद्र दर्शन का लाभ मिलेगा.
करवा चौथ की पूजन सामग्री
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि करवा चौथ के व्रत के लिए पूजन सामग्री इस प्रकार है- टोंटी व ढक्कन सहित मिट्टी का बर्तन, जल का लोटा, गंगाजल, दीपक, रुई, धूपबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, साबुत चावल, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघी, बिंदी, चुनरी, चूड़ियां, बिछिया, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा और दक्षिणा के लिए पैसे.
करवा चौथे की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा ( Karwa Chauth pujan Vidhi) के समय पूजा स्थल पर सभी पूजन सामग्री रख दी जाती है. उससे पहले पूजा स्थल को चाक मिट्टी से सजाकर मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है. उसके बाद दीपक जलाकर पूजा शुरू की जाती है. फिर करवा चौथ की कथा सुनी जाती है. करवा चौथ की पूजा में मिट्टी का टोंटी वाला कलश यानी जल से भरा करवा, ऊपर दीपक पर रखी विशेष सामग्री, साज-सज्जा की सभी नई वस्तुएं जरूरी होती हैं.
पूजा की थाली में रोली, चावल, धूप, दीप, फूल के साथ दूब अवश्य होनी चाहिए.इसके बाद शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय की मिट्टी की मूर्तियां भी चटाई पर रखी जाती हैं और दूर्वा रखी जाती है. रेत या सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर सभी देवताओं को बैठाने का भी रिवाज है. थाल सजाकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. फिर चंद्रमा को देखकर पति के हाथों से मीठा जल पीकर व्रत तोड़ा जाता है.