Saree Cancer: साड़ी पहनने से हो सकता है कैंसर! मुंबई में हुई रिसर्च ने महिलाओं को चौंकाया

saree cancer:क्या आप जानते हैं कि खूबसूरती बढ़ाने वाली इन साड़ियों को अगर सही तरीके से न चुना जाए और पहना जाए तो ये आपकी जान भी ले सकती हैं. कैसे?

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saree cancer: साड़ी एक ऐसा परिधान है जो भारतीय महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाता है. इसे भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि खूबसूरती बढ़ाने वाली इन साड़ियों को अगर सही तरीके से न चुना जाए और पहना जाए तो ये आपकी जान भी ले सकती हैं. कैसे? आइए हम आपको बताते हैं कि इनके प्यार में पड़ने से पहले आपको सिल्क, शिफॉन या जूट की साड़ियों को खरीदते और पहनते समय किस तरह सावधानी बरतनी चाहिए.

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कमर पर कसकर बांधी गई साड़ी महिलाओं में त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है. इस प्रकार के कैंसर को "साड़ी कैंसर" भी कहा जाता है.  ये उन महिलाओं को ज्यादा होने की संभावना रहती है जो ज्यादातर साड़ियां ही पहनती हैं. 

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कैसे होता है 'साड़ी कैंसर' ( Saree Cancer)

साड़ी से प्राकृतिक रूप से कैंसर नहीं हो सकता. लेकिन महिलाएं साड़ी बांधने के लिए सूती पेटीकोट को सूती धागे से अपनी कमर पर कस कर बांध लेती हैं. जिससे उन्हें साड़ी पहनने में आसानी हो जाती है. यह आसानी उनकी जान भी ले सकती है. क्योंकि अगर एक ही कपड़े को लंबे समय तक कस कर पहना जाए तो वह कमर पर लगातार रगड़ने लगता है, वहां की त्वचा छिलने लगती है और काली पड़ जाती है. इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC) के नाम से जाना जाता है, जिसे बोलचाल की भाषा में "साड़ी कैंसर" के नाम से भी जाना जाता है.

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किन महिलाओं को हैं सबसे 

मुंबई के आरएन कूपर अस्पताल में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित रूप से साड़ी पहनती हैं, उनमें कमर पर त्वचा कैंसर होने का खतरा तीन गुना अधिक होता है. बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने इस प्रकार के कैंसर को "साड़ी कैंसर" नाम दिया है।.

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साड़ी कैंसर के लक्षण

साड़ी कैंसर यानी कि स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा ज्यादातर उन हिस्सों में ज्यादातर होता है जो सूरज की रोशनी में ज्यादा देर रहते हैं. हालांकि ये मुंह के अंदर या पैर के तलवों में भी हो सकता है.
त्वचा पर सख्त बंप इस कैंसर का लक्षण हो सकता है. जो कलर में स्किन के रंग से मेल खाता हुआ हो सकता है या अलग भी हो सकता है. ये गुलाबी, लाल, काला या भूरा हो सकता है.
पुरानी किसी चोट या छाले पर ही नया घाव 
मुंह के अंदर का छाला ठीक न हो रहा हो
एनस या जेनाइटल्स में मस्से की तरह दिखने वाला सोर

खुद को कैसे सकती हैं बचा 

यदि आप रोज साड़ी पहनती हैं, तो ढीली-ढाली साड़ी पहनने का प्रयास करें.
कम से कम 20 मिनट के लिए हर दिन व्यायाम करें.
अगर वजन बढ़ा हुआ है तो साड़ी पहनने से बचे
स्वस्थ आहार खाएं और संतुलित वजन बनाए रखें.
रोज रूप से अपनी त्वचा की जांच करें और किसी भी संदिग्ध घाव के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सभी महिलाएं जो साड़ी पहनती हैं, उन्हें कैंसर नहीं होता है.

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