होली के दिन लगने वाला है साल का पहला चन्द्र ग्रहण, जानें भारत पर कितना रहेगा प्रभाव

देश में इसका सूतक मान्य नहीं होगा. कन्या राशि में उपछाया चन्द्र ग्रहण सुबह 10 बज कर 23 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

होली का त्योहार आ चुका है और देश के हर इलाके में उल्लास और उमंग का माहौल है. आज शाम को होलिका दहन होगा और कल यानी 25 मार्च को धुलंडी का त्यौहार मनाया जाएगा. होली की मौके पर एक ओर जहां वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण लगेगा, वहीं भद्रा 24 मार्च की रात को समाप्त हो जाएगी. यह चन्द्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और भद्रा रात को समाप्त होने के कारण होली के रसिकों को होली खेलने का पूरा समय मिलेगा. 

वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस साल धुलंडी 25 मार्च को यानी की कल है और इसी दिन चन्द्र ग्रहण भी लगेगा. ये चन्द्र ग्रहण साल 2024 का पहला चन्द्र ग्रहण होगा. लेकिन ये चन्द्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसका सूतक भी भारत में मान्य नहीं होगा.

चंदग्रहण से होली पर प्रभाव

देश के जाने-माने ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण व्यास मन्नासा के अनुसार हमारे देश में ये चन्द्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा. चन्द्र ग्रहण के दिखाई ना देने के कारण होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा सकता है. हालांकि होली पर देश में भले ही चन्द्र ग्रहण नहीं दिखेगा, लेकिन होली पर भद्रा का साया रहेगा. 

भद्रा 24 मार्च को सुबह 9 बज कर 56 मिनट से शुरू हो कर रात 11 बज कर 14 मिनट तक रहेगी. यही कारण है कि इस बार होलिका दहन आज देर रात को होगा. होलिका दहन के लिए रात 11 बज कर 14 मिनट से बीच रात 12 बज कर 20 मिनट तक का मुहूर्त शुभ रहेगा. 

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इन देशों में दिखाई देगा ग्रहण

उपछाया चन्द्र ग्रहण लगने पर चन्द्रमा कन्या राशि में विद्यमान रहेंगे, जहां पर केतु पहले से विराजमान होंगे. ये उपछाया चन्द्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्सों, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम, साउथ नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड में दिखाई देगा. ये उपछाया चन्द्र ग्रहण कन्या राशि में होगा, जो सुबह 10 बज कर 23 मिनट से शुरू हो कर दोपहर 3 बज कर 2 मिनट तक रहेगा. इसमें चन्द्रमा धुंधला नजर आता है, लेकिन ग्रहण नहीं होता. ऐसे ग्रहण को सिर्फ़ खगोलीय घटना ही माना जाता है. 

पंडित हरिनारायण व्यास मन्नासा बताते हैं कि उपछाया चन्द्र ग्रहण भारत के बाहर अन्य देशों में धुलंडी के दिन नजर आएगा, जिसका शास्त्रीय आधार पर कोई महत्व नहीं है. इसे केवल एक एस्ट्रोनॉमिकल घटना के रूप में ही देखा जाएगा. 

वैभव वृद्धि योग

पंडित मन्नासा का कहना है कि होलिका दहन के दिन सवार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है. सवार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बज कर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बज कर 35 मिनट तक है. वहीं रवि योग सुबह 6 बज कर 35 मिनट से सुबह 7 बज कर 34 मिनट तक रहेगा. होलिका दहन के उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और वृद्धि योग के साथ-साथ सवार्थ सिद्धि योग में होने से देश में सुख-समृद्धि और वैभव वृद्धि के योग बनेंगे.

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