अचानक होने वाली मौतों की वजह कोविड-19 की वैक्सीन नहीं, बल्कि यह इस खतरे को कम करती है -नड्डा 

नड्डा ने कहा कि पिछले साल मई से अगस्त के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गए अध्ययन में पाया गया कि वैक्सीन आकस्मिक मृत्यु की संभावना को कम करने में मदद करता है.

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JP Nadda On Covid-19 Vaccine: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड टीकाकरण से युवा वयस्कों में आकस्मिक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ता. इसके विपरीत, टीकाकरण से इस जोखिम में कमी आई है. उन्होंने यह जानकारी लिखित जवाब में राज्य सभा को दी है. 

''एक खुराक लेने से यह खतरा कम हो जाता है''

नड्डा ने बताया कि कोविड-19, फैमिली हिस्ट्री और कुछ जीवनशैली संबंधी आदतों की वजह से अचानक मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, कोविड टीके की एक खुराक लेने से यह खतरा कम हो जाता है और दो खुराक लेने से यह और अधिक घट जाता है.

पिछले साल हुआ था अध्ययन 

उन्होंने कहा कि यह अध्ययन पिछले साल मई से अगस्त के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया. इसमें 729 आकस्मिक मृत्यु के मामलों और 2,916 कंट्रोल को शामिल किया गया था. अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण आकस्मिक मृत्यु की संभावना को कम करने में मदद करता है.

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जानकारी दी कि मेट्रोनिडाजोल और पैरासिटामोल की कुछ दवाओं के विशेष बैच को ‘‘मानक गुणवत्ता रहित'' पाया गया. ये दवाएं हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गई थीं. स्टॉक वापस मंगवा लिया गया है और उसकी जगह नया स्टॉक भेजा गया है.

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