Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नए जिलों पर दिए गए बयान के बाद हलचल पैदा हो गई है. मदन राठौड़ ने कहा था कि राजस्थान में 6-7 जिले ऐसे हैं जो खत्म किए जाएंगे क्योंकि इन्हें केवल तुष्टीकरण के लिए बनाया गया था. इसके जवाब में राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री और केकड़ी के पूर्व विधायक रघु शर्मा ने राठौड़ के बयान को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा फैसला पहले कभी नहीं हुआ कि कोई जिला बनने के बाद उसे हटाने की चर्चा शुरू हो जाए. रघु शर्मा ने इसे जनभावना के साथ खिलवाड़ भी बताया.
रघु शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि जिला बनाना एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह विकास और जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया कदम था. उन्होंने कहा, "जिला बनाना राजनीति से ऊपर उठकर किया गया फैसला है ताकि विकास को गति मिले. राजस्थान में कभी ऐसा नहीं हुआ जिला बनने के बाद कैंसिल कर दिया जाए."
"जनता की मांग पर बनाए गए थे नए जिले"
उन्होंने बताया कि केकड़ी को जिला बनाने के लिए 1 लाख 81 हजार लोगों ने हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री से मांग की थी. इसके लिए पूरी मेहनत की गई थी और यह फैसला जनसमर्थन से किया गया था. यह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनहित के लिए किया गया था.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनहित का है, और सरकार को ऐसा कोई कदम उठाने से पहले इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. शर्मा ने कहा,"हाकिम बदलता है, हुक्म नहीं."
मदन राठौड़ ने दूदू, केकड़ी और सांचौर जिलों का उदाहरण देते हुए कहा था कि इन जिलों को तुष्टीकरण के लिए बनाया गया था. रघु शर्मा ने इस बयान को जनता का अपमान करार दिया, और कहा कि भाजपा की सरकार जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है.
रघु शर्मा ने सरकार से यह मांग की है कि वह इस मुद्दे पर तुरंत स्पष्ट करें कि नए जिलों को हटाने की क्या योजना है. उन्होंने कहा कि अगर कोई जिला बनाने का फैसला किया गया है, तो उसे बरकरार रखा जाना चाहिए और इस पर राजनीतिक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए.
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