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Rajasthan Nomination Date: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी. सूत्रों की मानें तो इसी तारीख को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरदारपुरा सीट के लिए नामांकन भरने जा सकते हैं.
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी. चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान में चुनाव की अधिसूचना 30 अक्टूबर को जारी होगी और उम्मीदवार छह नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे. सात नवंबर को नामांकन की जांच होगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख नौ नवंबर होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया था कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत होने वाले मतदान में सवा पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी राजस्थान विधानसभा में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए राज्य में 243 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 122 अधिकारियों को और भारतीय पुलिस सेवा के 51 अधिकारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. सामान्य और पुलिस पर्यवेक्षक 5 नवम्बर से 25 नवम्बर तक संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में रहेंगे.
243 पर्यवेक्षक रखेंगे निगरानी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सामान्य पर्यवेक्षक आचार संहिता की पालना, ईवीएम रेंडमाइजेशन, नामांकन की छंटनी से लेकर निर्वाचन से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं पर निगरानी रखेंगे. पुलिस पर्यवेक्षक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती योजना, कानून व्यवस्था आदि से जुड़े मामलों पर निगरानी रखेंगे.
तीन बार पर्यवेक्षकों का दौरा है प्रस्तावित
प्रवीण गुप्ता ने बताया कि इससे पहले, बुधवार को 70 व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा की गई थी. सभी व्यय पर्यवेक्षक अधिसूचना जारी होने के दिन यानी 30 अक्टूबर से तीन दिन के लिए क्षेत्र में रहेंगे. दूसरी बार वे नामांकन करने की अंतिम तारीख से एक दिन पूर्व अर्थात 5 नवम्बर से 25 नवम्बर तक क्षेत्र में दौरे पर रहेंगे. इसके बाद चुनाव परिणाम घोषित होने के 25वें दिन से तीसरी बार व्यय पर्यवेक्षकों का दौरा प्रस्तावित है.
शिकायत पर तुरंत पहुंच सुनिश्चित
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षकों के मोबाइल नंबर, उनके ठहरने के स्थान और मिलने के समय की सूचना सार्वजनिक की जाएगी ताकि किसी भी तरह की शिकायत उन तक तुरंत पहुंच सके और राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रलोभन-रहित और पारदर्शी चुनाव सम्पन्न कराए जा सकें.