Rajasthan Free Electricity: राजस्थान में भजनलाल सरकार के प्रदेश में मिल रही फ्री बिजली की योजना को बंद करने का मुद्दा विधानसभा में उठा है. विपक्षी विधायकों ने सरकार से इस फैसले को लेकर सवाल पूछा है. राजस्थान में अशोक गहलोत की पिछली सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम शुरू की थी. मगर राजस्थान सरकार ने कहा है कि इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. राजस्थान में भजनलाल शर्मा की सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई कई लोकलुभावन योजनाओं को बंद किया है. इस सप्ताह प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने विधानसभा में फ्री बिजली योजना को बंद करने की घोषणा की थी.
विधानसभा में विपक्ष ने सरकार से पूछा सवाल
राजस्थान विधानसभा में बीएसपी के विधायक मनोज न्यांगली ने सरकार से फ्री बिजली योजना को बंद करने के बारे में सवाल पूछा. इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि वर्तमान में नए उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली नहीं दी जाएगी. मंत्री ने कहा कि सरकार का अभी विद्युत उपभोग चार्ज के अतिरिक्त शुल्क और करों को कम करने का विचार नहीं है.
बीएसपी विधायक ने इसके बाद एक पूरक प्रश्न पूछते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान की जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है. इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भेदभाव उनकी सरकार नहीं कर रही है, बल्कि भेदभाव पिछली सरकार ने ही किया है, जिसने फ्री बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता रखी थी.
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का पलटवार, विपक्ष से पूछा सवाल
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा,"प्रदेश में 1 करोड़ 29 लाख उपभोक्ता हैं. वर्तमान में 98 लाख 23 हजार को लाभ दिया जा रहा है. राज्य में बिना रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं की संख्या 30 लाख है. ऐसे में पूर्ववर्ती सरकार की मंशा होती तो सभी उपभोक्ताओं को दिया जाता.कांग्रेस सरकार ने रजिस्ट्रेशन का राइडर रखा."
हालांकि, इसके बाद विधायक मनोज न्यांगली ने कहा कि 'अब आपकी सरकार है, तो आप रजिस्ट्रेशन शुरू करिए'. विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार फ्यूल सरचार्ज कम करने की जगह बढ़ाना चाहती है. ऊर्जा मंत्री ने इस पर कहा कि राजस्थान सरकार 200 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं का फ्यूल सरचार्ज वहन कर रही है.
सदन में इस चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 'एक प्रदेश दो कानून नहीं चल सकते. आधे को दिया जा रहा है, और आधे को नहीं, यह भेदभाव है'. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस पर पलटवार करते हुए सवाल पूछा कि 'अगर आपकी सरकार की मंशा थी तो आपने रजिस्ट्रेशन का दायरा क्यों रखा?'
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