बर्फ की सफेद चादर से ढके बद्रीनाथ, जानें कब से शुरू होगी चार धाम यात्रा

Char Dham Yatra 2025: यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ से मिलकर बनी चार धाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है. 

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बर्फबारी से भगवान बद्री विशाल का मंदिर बर्फ की चादर से ढक गया.

Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में बीते दिनों हुई जमकर बर्फबारी से भगवान बद्री विशाल का मंदिर बर्फ की चादर से ढक गया है.  मंदिर के चारों ओर बर्फ की कई फीट मोटी परत जम गई है, जिसे हटाने का काम किया जा रहा है.  बद्रीनाथ धाम में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम साफ था और चटक धूप खिली हुई थी, इसके बावजूद बर्फबारी भी हुई.  इस कारण बद्रीनाथ में पारा गिर गया है और ठंड भी महसूस की जा रही है.  बर्फबारी के चलते भगवान बद्री विशाल का मंदिर बर्फ की चादर से ढक गया है. 

उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश का अलर्ट

भगवान बद्री विशाल के धाम के कपाट खुलने में अभी दो माह का समय बचा हुआ है, लेकिन इस बार सभी तीर्थ यात्रियों को भगवान बद्री विशाल के धाम के कपाट खुलते समय चारों तरफ सुंदर बर्फ के नजारे भी देखने को मिल सकते हैं. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.  आईएमडी के मुताबिक, देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में बारिश हो सकती है, जबकि अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा.  मौसम विभाग ने बारिश वाले जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है. 

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पहले केदारनाथ के कपाट खुलेंगे

यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ से मिलकर बनी चार धाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है.  जानकारी के अनुसार, पहले केदारनाथ के कपाट खुलेंगे और इसके बाद बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं और इस बार भी प्रशासन उनकी सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. चारधाम यात्रा में आने वाले कमर्शियल वाहन चालकों को अब ग्रीन कार्ड के बिना एंट्री नहीं मिलेगी. 

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एक माह पहले ही ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे

इससे पहले आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा था कि चारधाम यात्रा के लिए एक माह पहले ही ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे. पीली प्लेट की जितनी भी गाड़ियां हैं, उनके लिए ही ग्रीन कार्ड बनाना जरूरी होगा, चाहे वाहन प्रदेश का हो या दूसरे राज्य का हो.  बसों के संचालन के लिए यूनियन से बातचीत कर रोटेशन सिस्टम लागू किया गया है. 

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