Rajasthan: 70 फीट अंदर धंस गई डेढ़ बीघा से ज़्यादा ज़मीन, दहशत में आए ग्रामीण, हैरान हुए भूृ वैज्ञानिक

अचानक जमीन धंसने से ग्रामीणों के होश उड़ गए और आनन-फानन में मामले की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना के बाद मौके पर एसडीएम राजेन्द्र कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे और ड्रोन के ज़रिए वीडियोग्राफ़ी करवा कर पूरे मामले का अवलोकन किया जा रहा है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
70 फीट गहराई में धंस गई दो बीघा जमीन

Land Sank 70 Feet Deep: बीकानेर की लूणकरणसर तहसील में मंगलवार को ज़मीन धंसने की खबर से लोगों में दहशत फैल गई. लूणकरणसर इलाक़े के सहजरासर गांव की एक ढाणी में उक्त हादसा रिपोर्ट किया गया. ढाणी भोपालाराम रोड के लोग अपनी दिनचर्या में लगे हुए थे, कि अचानक उन्होंने देखा कि ढाणी से कुछ दूर की ज़मीन धंसने लगी.

अचानक जमीन धंसने से ग्रामीणों के होश उड़ गए और आनन-फानन में मामले की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना के बाद मौके पर एसडीएम राजेन्द्र कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे और ड्रोन के ज़रिए वीडियोग्राफ़ी करवा कर पूरे मामले का अवलोकन किया जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक तक़रीबन डेढ़ बीघा ज़मीन के धंसने का अनुमान है. बताया गया है कि ज़मीन करीब 70 फीट गहरी धंस गई है. अभी तक जमीन धंसने के कारणों का पता नहीं चला है. हालांकि मौके पर तफ्तीश के लिए बीकानेर से जियोलॉजी के एक्सपर्ट्स को बुला लिया गया है. 

थानाधिकारी धर्मवीर के अनुसार भू-वैज्ञानिक सर्वे करके गए हैं। किसी के हताहत होने या अन्दर गिरने की कोई ख़बर नहीं है। यह बारानी ज़मीन है. ये किस वजह से धंसी, ये एक बड़ा रहस्य है

मौक़े पर अलग अलग चर्चाएं चल रही हैं. एक चर्चा ये है कि कुछ समय पहले यहां पर बिजली गिरी थी, इस वजह से माना जा रहा है कि ज़मीन धंस गई है. वहीं, किसी का कहना है कि नीचे पानी बहता है, इस वजह से ज़मीन धंसी. कई और लोगों द्वारा जमीन धंसने को लेकर अलग-अलग क़यास लगाए जा रहे हैं.

70 फीट अंदर जमीन का धंसना सामान्य घटना नहीं हो सकती है. भू-वैज्ञानिक मामले की जांच में जुटे हैं. सवाल है कि आखिर ज़मीन के अन्दर ऐसा क्या था, जो वह 70 फ़ीट तक धंस गई, ये निश्चित खोज का विषय है.

ग़ौरतलब है कि पुरानी सभ्यताएं भी खुदाई में निकलती रही है. क्या यहां भी किसी सभ्यता के अवशेष मिलेंगे या गैस के भन्डार मिलेंगे? इतनी बड़ी ज़मीन का 70 फ़ीट गहरे तक धंस जाना कोई आम घटना नहीं है, इसके पीछे कोई जरूर बड़ा कारण होगा, जिसका खुलासा जांच के बाद ही होने की सम्भावना है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-साल 2024 में होगी झमाझम बारिश, 4 महीने तक रहेगा मानसून, सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान