कौन हैं 21 साल की उम्र में 4 अविष्कारों का पेटेंट लेने वाले रविंद्र? PM Modi भी कर चुके हैं तारीफ

जैसलमेर के रहने वाले रविंद्र 21 साल की उम्र में कई आविष्कार कर चुके हैं. उन्होंने पानी में मौजूद काई से ऑक्सीजन बनाई, इंटरनेट जैमर की तरह हॉर्न जैमर बनाया और बाइक स्टैंड सेंसर को डिज़ाइन किया है.

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Jaisalmer News: देश की पश्चिमी सरहद पर सुदूर रेगिस्तान के बीच बसा जैसलमेर, जिसे शिक्षा के क्षेत्र में भले ही पिछड़ा कहा जाता हो, लेकिन यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. ऐसी ही एक अनोखी प्रतिभा के धनी हैं जैसलमेर के धोलिया गांव के रहने वाले रविंद्र विश्नोई. रविंद्र की उम्र मात्र 21 साल है और उन्होंने अब तक कुल 4 आविष्कारों का पेटेंट अपने नाम करवा कर जिले का गौरव बढ़ाया है. रविन्द्र ने 2021 में "ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एन्ड सिस्टम थीरियोफ" का अविष्कार कर पेटेंट फाइल किया था. आख़िरकार 24 जनवरी 2024 को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा पेटेंट प्रमाण पत्र जारी किया है.

रविंद्र ने बताया कि 'ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एन्ड सिस्टम थीरियोफ' इस  प्रणाली का आविष्कार साइड स्टैंड को भूलने की एक आम लेकिन गंभीर समस्या को हल करने के लिए किया था. यह आविष्कार वांछित आउटपुट प्राप्त करने के लिए जोड़े में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल सेंसर का उपयोग करता है. जैसे ही सवार बाइक को दक्षिणावर्त दिशा में झुकाता है, सिस्टम उस गति का पता लगाता है और माइक्रोकंट्रोलर को सिग्नल भेजता है जो मोटर को सक्रिय करता है जो अंततः साइड स्टैंड को पीछे हटा देता है. जब सवार बाइक रोकता है, तो सवार को मैन्युअल रूप से स्टैंड लगाने की ज़रूरत नहीं होती है.

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रविंद्र ने कहा कि वास्तविक उत्पाद परीक्षण चरण में है और जल्द ही सामने आएगा. अंतिम उत्पाद जल्द ही सामने आएगा, जिसका आकार गेंद के समान होगा. यह सिस्टम स्वचालित रूप से साइड स्टैंड लगा देगा. यह फोटो प्रोटोटाइप पुराने डिवाइस का है जो केवल बुनियादी कार्यक्षमता की व्याख्या करता है.

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10वीं में पहला किया आविष्कार

जैसलमेर के धौलिया गांव निवासी रविंद्र के पिता शिवरतन विश्नोई देश की सुरक्षा में तैनात हैं. उनके पुत्र रविंद्र विश्नोई शुरू से ही होनहार है. रविंद्र की शुरू से विज्ञान में रुचि रही. इसके चलते स्कूल में आयोजित होने वाली मॉडल प्रतियोगिता में वो बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे. जिस पर उसने शुरू से ही अलग-अलग मॉडल बनाकर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. रविंद्र ने 10वीं क्लास में पढ़ते हुए अपना पहला आविष्कार किया. इसके बाद उसे आविष्कार करने का जुनून चढ़ गया. इसका ही नतीजा है कि उन्होंने अब तक चार अविष्कारों के पेटेंट भी हो गए हैं. 

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तालाब की काई से बनाई ऑक्सीजन

रविंद्र विश्नोई द्वारा सबसे पहले काई से ऑक्सीजन निकालने के लिए एक प्रयोग किया गया. उसे यह आइडिया मछली के जीवन से आया. आमतौर पर तालाबों में हरे रंग की काई जम जाती है. लेकिन वास्तविकता में वह ऑक्सीजन देने का काम करती है. यह बात रविंद्र ने एक मशीन इजाद कर बताई. जिसका पेटेंट उसने सबसे पहले दिसंबर 2021 में करवाया.

हॉर्न जैमर भी बनाया 

रविंद्र की दूसरी उपलब्धि अप्रैल 2022 में दर्ज हुई. जिसमें उसने हॉर्न जैमर बनाया. आमतौर पर मोबाइल जैमर का उपयोग तो किया जाता है. लेकिन यह भी उसी बेस पर आधारित है. इतना ही नहीं रविंद्र के इस पेटेंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था. मौका था अटल इनोवेशन मिशन के तहत नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर दिल्ली के प्रगति मैदान में कार्यशाला का,जिसके बाद भारत सरकार उन्हें अपने आविष्कारों को बाजार में उतारने के लिए 1 करोड़ रूपए का ग्रांट भी दी.

बाइक स्टैंड सेंसर भी बनाया 

रविंद्र के तीसरे आविष्कार को पेटेंट विभाग द्वारा गत 31 अक्टूबर 2022 को रजिस्टर्ड किया गया है. जिसमें रविंद्र द्वारा बाइक स्टैंड से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक यंत्र बनाया गया है. जो बाइक शुरू होने के साथ ही साइड स्टैंड को अपने आप ऊपर ले लेता है. रविंद्र ने बताया कि देश में बाइक के 28 प्रतिशत हादसों का कारण साइड स्टैंड ऊपर लेना नहीं होता है. 

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