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Muharram: सोने-चांदी से बने ताजिया, मुर्हरम पर राजस्थान में निकले जुलूसों की देखें तस्वीरें

Muharram 2024: मुर्हरम का त्योहार आज पूरे देश-दुनिया में मना. इस मौके पर देशभर में ताजिया निकाला जा रहा है. बात राजस्थान की करें तो शाही परंपराओं के लिए मशहूर राजस्थान में हर त्योहार-हर मौके पर खास ही रंग जमता है.

  • सीकर में मातमी धुन के साथ इमामबाड़ों से मुहर्रम के ताजियों का जुलूस निकाला गया. जिसमें हजारों की संख्या में शहरवासी शामिल हुए. शहर के मोहल्ला नारवान, बिसायती मोहल्ला, फतेहपुर रोड, कुरेशियान मोहल्ला, रोशनगंज, सहित शहर के अलग-अलग इलाकों से करीब एक दर्जन ताजियों का जुलूस निकाला गया.
  • हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए बुधवार 17 जुलाई को पूरी दुनिया में मुर्हरम मना. इस दौरान ताजिया जुलूस में लोग हैरतअंगेज करतबें भी दिखाते मिले.
  • Muharram 2024 Tajiya Pics: हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए बुधवार 17 जुलाई को पूरी दुनिया में मुर्हरम मना. इस दौरान ताजिया जुलूस में लोग हैरतअंगेज करतबें भी दिखाते मिले. बात राजस्थान की करें तो राजधानी जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, सीकर, झालवाड़ सहित प्रदेश के सभी जिलों में ताजिया जुलूस निकले. यह तस्वीर जयपुर राजघराने की विशिष्ट ताजिया की है, जो 10 किलो सोना और 60 किलो चांदी से बनी है. रिपोर्ट और तस्वीरें- एनडीटीवी राजस्थान टीम
  • यह ताजिया जयपुर राजघराने (Jaipur royal Family Tajiya) की है. खास बात यह है कि यह ताजिया 10 किलो सोना और 60 किलो चांदी से बना है. जयपुर राजघराने की इस विशिष्ट ताजिया की नक्काशी इसे और खूबसूरत बनाती है. इस ताजिया को 4 दिनों तक जयपुर के त्रिपोलिया गेट पर रखा जाता है.
  • जयपुर राजघराने के विशिष्ट ताजिया को देखने और इसपर चढ़ावा चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू और मुस्लिम आते हैं. इस ताजिया को सन् 1860 में जयपुर राजघराने के महाराजा राम सिंह ने बनवाया था. अब्दुल सत्तार की तीन पीढियां इसकी देखभाल कर चुकी हैं. अभी उनके बेटे बरकत बेग इस ताजिया की खिदमत कर रहे हैं.
  • जयपुर राजघराने के विशिष्ट ताजिये के गुंबद सोने के बने हुए है. इसमें 10 किलो सोना का यूज हुआ है. यह सिटी पैलेस की अमानत है. मुर्हरम के बाद इसे फिर सिटी पैलेस में रखा जाता है.
  • जयपुर राजघराने के इस विशिष्ट ताजिया की देखरेख खिदमतगार अब्दुल सत्तार करते हैं. उन्होंने बताया- यह ताजिया सन् 1860 में तत्कालीन राजा रामसिंह ने बनवाया था. जब राजा रामसिंह बीमार हुए थे तो एक फकीर की राय पर स्वस्थ हुए. तब उन्होंने यह ताजिया बनवाया था.
  • जुलूस के दौरान अखाड़े के पहलवान और करतबबाजों ने भी हैरतअंगेज करतब दिखाये. शहर के जाट बाजार और ईदगाह चौक में अलग-अलग हिस्सों से आए ताजिया इकट्ठे हुए। जहां युवाओं ने हैरतअंगेज कर्तव्य दिखाएं.
  • ताजिया जुलूस और मुर्हरम के मेले में बच्चों का उत्साह भी देखने को मिला. बच्चे अपने पसंदीदा खिलौने के साथ मेले में शामिल हुए. तस्वीर जयपुर की है. जिसमें हमारे फोटोग्राफर जसराज ने अपने कैमरे में कैद किया.
  • गर्मी कोई मौसम को देखते हुए सामाजिक संगठनों ने छबील लगाकर लोगों को शरबत भी पिलाया. शहर में निकले करीब एक दर्जन ताजियों का जुलूस शहर के प्रमुख मार्ग होते से होते हुए कर्बला पहुंचे। जहां मातमी धुन के साथ ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया.
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