बांसवाड़ा में हादसे को न्यौता दे रहा प्रशासन, जर्जर भवन में पढ़ रहे करीब 100 बच्चे; ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी 

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक स्कूल जर्जर हालत में हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा खतरे में है. ग्रामीणों ने मरम्मत की मांग की है और नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण.

Rajasthan News: राजस्थान में बांसवाड़ा जिले के सज्जनगढ़ ब्लॉक में गांव कारमी का प्राथमिक विद्यालय खस्ताहाल स्थिति में है. वर्ष 2001 से चल रहा यह स्कूल करीब 100 बच्चों के लिए शिक्षा का केंद्र है, लेकिन दीवारों और छतों की जर्जर हालत ने बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया है.  अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण कर मौखिक रूप से इसे बंद करने को कहा, जिससे ग्रामीणों और अभिभावकों में गुस्सा भड़क गया है.  

बच्चों की शिक्षा को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश 

ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई ठप हो रही है, जो उनकी भावी पीढ़ी के लिए अन्याय है. वे मांग कर रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द स्कूल भवन की मरम्मत करवाए ताकि पढ़ाई फिर से शुरू हो सके. अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी शिक्षा भी प्राथमिकता होनी चाहिए.  

हिम्मतगढ़ स्कूल में भी बदहाल स्थिति

इसी तरह, हिम्मतगढ़ ग्राम पंचायत के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के दो कमरे भी लंबे समय से जर्जर हैं. ग्रामीणों ने कई बार शिक्षा विभाग को इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रही हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मरम्मत शुरू नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.  

ग्रामीणों की मांग, तुरंत हो मरम्मत

मौके पर मौजूद ग्रामीण देवचन्द, विनोद प्रकाश, बहादुर, धर्मसिंह, हगजी, उदसिंह तोलिया और रमेश चिमन ने एकजुट होकर सरकार से मांग की है कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूल भवनों की मरम्मत तुरंत शुरू की जाए. ग्रामीणों का कहना है कि लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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